अमेरिका के एडवोकेसी समूह के चेयरमैन नदीम नुसरत ने इस्लामाबाद को चेतावनी दी कि पाकिस्तान को कई स्वायत्त राज्यों में पुनर्निर्मित करे क्योंकि उसे बचाने का सिर्फ यही समाधान है। स्वायत्त राज्यों का निर्माण साल 1940 के लाहौर अधिवेशन के तहत होना चाहिए। यह समझौता भारत का भी स्वायत्त राज्यों में निर्माण करने की अनुमति देता है।
पाकिस्तान के रक्षा दिवस पर एक विशेष सन्देश देते हुए मोहाजिर नेता ने कहा कि “बीते 72 सालो के इतिहास ने, खासकर बांग्लादेश के निर्माण ने यह साबित कर दिया है कि पाकिस्तान एक राष्ट्र नहीं बन सकता है और इसका कारण अन्य संजातीय समूहों पर पंजाब की नेतृत्व भी है।”
पाकिस्तान के संस्थापको ने भी इस खतरे को भांप लिया था और सिलिये स्वतंत्र राज्यों के निर्माण की थी। 1940 के संसोधन को अपने बयान से बताया कि भूगौलिक मिले हुए सीमांकित इलाकों को संघठित होना चाहिए और ऐसे क्षेत्रीय पुनर्निर्माण शायद जरुरी है खासकर ऐसे इलाको के लिए जहां मुस्लिम बहुसंख्यक है। भारत को संघठित स्वतंत्र राज्यों का समूह होना चाहिए था और जिसमे संवैधानिक इकाइयों को संप्रभु और स्वायत्त होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि “1940 अधिवेशन एक पुख्ता सबूत है कि पाकिस्तान की मौजूदा प्रशासनिक संरचना उसकी संस्थापक सदस्यों की असल इच्छाओं का घोर उल्लंघन है और यह इस विश्वासघात के बारे में बताने का समय है। पाकिस्तान का मौजूदा खतरा भारत, अफगानिस्तान, इजराइल या अमेरिका से नहीं बल्कि उसके खुद के घर से उभर रहा है।”
जेहादी सेनाओं की संख्या में तीव्र वृद्धि, धार्मिक असहिष्णुता, आतंकी ढाँचे, संजातीय विभाजन, नागरिक मामले में पाकिस्तानी सेना की निरंतर दखलंदाज़ी, चुनाव परिणामो पर सेना का दबदबा, भ्रष्टाचार और बुरा शासन ही पाकिस्तान की अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान का सिंय नेतृत्व शायद इस बात पर कभी चर्चा न करे लेकिन यह तथ्य हमेशा रहेगा कि उन्होंने भारत के खिलाफ सभी जंगो में शिकस्त खायी है।”