अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता राशि पर रोक लगाने का भेद आखिरकार खुल गया है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने बताया कि उन्हें परमाणु हथियार आतंकियों के हाथ में पड़ जाने का शक था। इसीलिए अमेरिका ने 300 डॉलर की मदद पर रोक लगा दी थी।
बोल्टन ने कहा पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है यदि वहां की सरकार आतंकियों पर कारवाई करने में विफल रहती तो परिणाम बहुत गंभीर हो सकते थे।
कई बार दी है पाक को चेतावनी
पिछले हफ्ते पाकिस्तान दौरे पर गये अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बयान दिया था कि यदि इस्लामाबाद आतंकियों के खिलाफ सख्ती बरतता है और अमेरिका की मदद करता है तो पाक- अमेरिका के रिश्ते दोबारा पटरी पर आ सकते हैं।
पोम्पियो ने नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान से अनुरोध किया था कि अमेरिका को आँख दिखाने वाले आतंकवादी संघठनों का सफाया करे।
भारत के साथ हुई 2+2 वार्ता के दौरान भी अमेरिका ने पाकिस्तान सरकार का आतंकवादियों के खिलाफ नरमी बरतने को लेकर पाक सरकार पर निशाना साधा था।
अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सैन्य सहायता राशि मुहैया करता था लेकिन 1 सितम्बर को डोनाल्ड ट्रम्प ने इस्लामाबाद को दी जाने वाली पूर्ण रकम पर पाबंदी लगा दी।
इससे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस्लामाबाद को चेतावनी देते हुए लहजे में कहा था कि पिछले 15 वर्षों से पाकिस्तान अमेरिका को धोखा देता आ रहा है। वह झूठ के सहारे हमसे 33 मिलियन डॉलर की सैन्य राशि ठग रहा था।