अमेरिका के विदेश विभाग ने बताया है कि ट्रंप प्रशासन ने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय सैन्य शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम (आईएमईटी) में पाकिस्तान की फिर से भागीदारी को मंजूरी दी है। एक साल पहले पाकिस्तान पर इसमें भाग लेने पर रोक लगा दी गई थी। आईएमईटी करीब एक दशक तक पाकिस्तान व अमेरिका के सैन्य संबंधों का स्तंभ रहा था।
आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठाने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली कई तरह की मदद रोक लगा दी थी और इनमें से आईएमईटी से पाकिस्तान का निलंबन भी शामिल है। पाकिस्तान का मानना है कि इस साल अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में जमी बर्फ पिघलनी शुरू हुई है और आईएमईटी में पाकिस्तान को शामिल करना इसका प्रमाण है।
आईएमईटी का प्रबंधन अमेरिकी विदेश विभाग करता है। यह पाकिस्तान को दी गई दो अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता का एक हिस्सा है। ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली यह सहायता जनवरी 2018 में रोक दी थी और यह रोक अभी भी जारी है।
अमेरिकी विदेश विभाग प्रवक्ता ने एक ईमेल में बताया है कि ट्रंप के पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता निलंबित करने के 2018 के आदेश में ‘एक छोटा अपवाद उन कार्यक्रमों के लिए छोड़ा गया है जो अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद खास हैं। आईएमईटी में पाकिस्तानी भागीदारी को बहाल करने का फैसला ऐसा ही एक अपवाद है।’