दक्षिण एशिया अल्पसंख्यक गठबंधन संसथान के चेयरमैन नदीम नुसरत ने कहा कि “आस्था और संजातीय विषयक के आधार पर लोगो पर अत्याचार और चरमपंथ में इजाफा बेहद खेदजनक है। इस अन्तरो को दरकिनार करने के लिए उन्होंने एकजुट होने की मांग की है।”
अल्पसंख्यको का शोषण खत्म हो
दूसरी मन्त्रिय स्तरीय बैठक में शामिल भागीदारो को संबोधित करते हुए नुसरत ने कहा कि “आस्था और संजातीय विषयक के आधार पर लोगो पर अत्याचार और चरमपंथ में इजाफा बेहद खेदजनक है और हमें इन सभी अन्तरो को दरकिनार करना होगा और इसे खत्म करने के लिए एकजुट होकर खड़ा होना होगा।”
उन्होंने कहा कि “चाहे वह चीन में उइगर मुस्लिमो पर अत्याचार हो या दक्षिणी सूडान में इसाइयों पर, चाहे बर्मा और सीरिया से लाखो रोहिंग्या मुस्लिमों का विस्थापन हो या पाकिस्तान में मोहजिर्स, बलोच, हजारा और अन्य संजातीय या धार्मिक समूह हो। इसे तभी खत्म किया जा सकता है जब सभी सम्बंधित समूह एकजुट होकर कार्य करे।”
एसएएमएएफ एक अमेरिका में स्थित संस्था है और यह दक्षिण एशिया में धार्मिक और संजातीय अल्पसंख्यको से सम्बंधित मुद्दों को उठाती है। उन्होंने कहा कि “हमें वैश्विक नेताओं को बताने के लिए प्रयास करने होंगे कि वे अपने नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को खारिज करते हैं या मानव अधिकारों पर वैश्विक सिद्धांतो का उल्लंघन करते हैं, उनका अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्वागत नहीं होना चाहिए।”
पाकिस्तान में अल्पसंख्यको पर बढ़ता अत्याचार
समारोह के दौरान पाकिस्तान में व्यवस्थित और तीव्रता से धार्मिक और संजातीय अल्पसंख्यकों पर बढ़ रहे अत्याचारों की एक डाक्यूमेंट्री भी दिखाई गयी थी। उन्होंने अमेरिका द्वारा अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आज़ादी का प्रचार करने की सराहना की है। पाकिस्तान में मोहजिर्स समुदाय की स्थिति पर विश्व का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि “यह समुदाय एक के बाद एक सैन्य कार्रवाई का पीड़ित रहा है।”
अध्यक्ष ने कहा कि “मोहजिर्स और अन्य धार्मिक व संजातीय समूहों के हजारो सदस्यों के जिम्मेदारो को न्याय के कठघरे में खड़े करना जरुरी है। सिंध के शहरी इलाको में रहने वालो के लिए दशको से समस्याओं का समाधान विशाल कराची ही एकमात्र समाधान है।”
उइगर मानव अधिकार प्रोजेक्ट के फरकत जवाद ने भी इस समारोह में बोला था और जानकारी साझा की कि कैसे लाखो चीनी मुस्लिम अमानवीय व्यवहार झेल रहे हैं। कार्यकर्ता ने पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान के हालिया टीवी इंटरव्यू पर निराशा व्यक्त की है, जिसमे उन्होंने चीन में उइगर मामलो को पूरी तरह नजरंदाज़ किया था।
अमेरिका के सांसद स्कॉट पैरी ने इस सम्मेलन में कहा कि “अमेरिकी प्रशासन धार्मिक आज़ादी के कारणों का पूरा समर्थन करते हैं और धर्म और जाति के आधार पर अत्याचार को खत्म करेंगे। पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को अमेरिकी प्रशासन तब तक आगे नहीं बढ़ाएगा जब तक पाकिस्तान अपने अल्पसंख्यको के अधिकारों को मान्यता नहीं दे देता।”