भारतीय सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार फायरिंग की घटनाएं बढ़ रही है। एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कई बार पाकिस्तान सैनिकों ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। जिसके कारण सैकड़ो नागरिक मारे जा चुके है।
जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी सैनिकों ने इस साल करीब 720 बार भारत-पाक सीमा का उल्लंघन किया है। इतना ही नहीं पाकिस्तान सीमा पार से आतंकियों को भी भारतीय सीमा में घुसने के लिए भेजता आया है। हाल के दिनों में पाकिस्तानी घुसपैठियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
अब इसी मुद्दे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिखा है। पिछले सप्ताह ही इस पत्र को भारत के विदेश मंत्रालय ने प्राप्त किया। इस पत्र में भारत पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि भारतीय सैनिकों ने इस साल करीब 1300 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान ऐसा करके भारत को गलत ठहराना चाह रहा है।
सीजफायर उल्लंघन को कम करना जरूरी
इस पत्र में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने भारत-पाक सीमा पर तैनात भारतीय और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच होने वाले युद्धविराम के उल्लंघन की बढ़ती संख्या को कम करने की मांग की है।
पत्र में सुषमा स्वराज से मांग की गई है कि संघर्ष विराम के उल्लंघन को रोकने के लिए भारत व पाकिस्तान को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे।
गौरतलब है कि सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन से कई निर्दोष नागरिकों की मौत हो जाती है। भारत के ऊपर पाकिस्तान लगातार सीमा पार से हमला कर रहा है। भारत के कई नागरिक सीजफायर उल्लंघन से मारे जा चुके है।
इतना ही नहीं पाकिस्तानी सैनिकों के द्वारा आंतकियों को भारत-पाक सीमा के पास ही भारतीय सीमा में घुसने की ट्रेनिंग दी जाती है। भारत में जो भी आतंकी हमले हुए है वो आतंकवादी पाकिस्तान की सीमा से ही भारत में अंदर घुसते है।
भारतीय सैनिकों पर लगाया उकसाने का आरोप
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लिखे पत्र में पाकिस्तान ने भारतीय सैनिकों के ऊपर पाकिस्तानी सैनिकों को जबरन उकसाने का आरोप भी लगाया है।
सीमा पर सीजफायर को रोकने के लिए इस्लामाबाद ने कई बार भारतीय राजदूतों को भी बुलाया है और दावा किया है कि भारतीय सैनिकों द्वारा सीजफायर का उल्लंघन करने से करीब 50 से अधिक पाक नागरिकों की मौत हो चुकी है।
पाकिस्तान ने पत्र में भारत के ऊपर आरोप लगाए है जबकि हकीकत में पाकिस्तान की तरफ से ही सीमा का उल्लंघन किया जाता है जिसके सबूत भारत के पास मौजूद है। जबकि पाकिस्तान की बात करे तो जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को लेकर पाकिस्तान ने अब तक कोई जवाब पेश ही नहीं किया है।