Thu. Jan 9th, 2025
    कश्मीरी विवाद पर भाषण

    यूरोपियन फाउंडर ऑफ़ साउथ एशियाई स्टडीज ने कहा कि “चीन की कर्ज के जाल में फंसाने की कूटनीति और चीन-पाक आर्थिक गलियारा पाकिस्तान को असतत स्तर के घाटे में झोंक देगी।”

    ईएफएसएएस के विश्लेषक योआना बरकोवा ने कहा कि “चीन की कर्ज के जाल में फंसाने की कूटनीति और चीन-पाक आर्थिक गलियारा पाकिस्तान को असतत स्तर के घाटे में झोंक देगी और इस कारण इस्लामाबाद को मज़बूरन बीजिंग के नियमो और शर्तों को मानना होगा।” उन्होंने यह बयान सोमवार को ‘कश्मीर में विवाद’ पर दी थी।

    उन्होंने कहा कि “अखंडनीय सबूतों के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल राजनीतिक एजेंडा का प्रचार करने के लिए कर रहा है। पाकिस्तान ने इतिहास में कभी इतने व्यापक स्तर की चुनौतियों का सामना नहीं किया है जो वह आज कर रहा है और यह आतंकवाद का समर्थन करने का परिणाम है।”

    उन्होंने कहा कि “इससे एक सवाल हमेशा रहता है कि वाकई पाकिस्तान आतंकवादी साम्राज्य के खिलाफ निर्णायक और साख कदम उठाने के इच्छुक है। जिसका उन्होंने निर्माण किया और दशकों तक लालन-पालन किया था या फिर वह अपने राजनीतिक लक्ष्यों के लिए आतंकवाद को एक औज़ार की तरह इस्तेमाल करना जारी रखेगा। अलग थलग होने और अखंडनीय सबूतों के बावजूद वह ऐसा करने से इंकार करता रहा है।”

    ईएफएसएएस के निदेशक जुनैद कुरैशी ने पाकिस्तान पर मुस्लिम बहल देश में साम्प्रदायिक भावना थोपने का आरोप लगाया है। कश्मीर घाटी में विवाद राजनीति से अधिक धार्मिक लगता है। इन पर चरमपंथी नेताओं के समूहों का प्रभुत्व है जो कट्टर इस्लामिक विचारधारा का समर्थन करते हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *