पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सीपीईसी परियोजना को लेकर काफी आश्वस्त दिख रहे थे लेकिन अब पाकिस्तान ने एक बड़ी बिजली परियोजना के निर्माण पर रोक लगा दी है।
पाकिस्तान की खबरों के मुताबिक सरकार ने इन प्रोजेक्ट की जरूरत न होने की बात कही है क्योंकि बिजली उत्पादन के लिए कई परियोजनाओं ओर पहले ही कार्य जारी है।
पाकिस्तान के डॉन अखबार की खबर के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के कार्यकाल में सीपीईसी के तहत 1320 मेगावाट की रहीम यार खान बिजली परियोजना के निर्माण के लिए नक्शा तैयार किया गया था। अलबत्ता इमरान खान सरकार ने चीन को आधिकारिक रूप से सूचना दे दी है कि उन्हें इस परियोजना में कोई दिलचस्पी नही है।
पाकिस्तान ने अपने घनिष्ठ मित्र चीन से इस परियोजना को अपनी सूची से निकाल देने का आग्रह किया है। एक अधिकारी ने बताया कि संयुक्त समन्वय समिति की बैठक 20 दिसंबर को आयोजित हुई थी, इसमें योजना और विकास मंत्री मखदूम खुसरों बख्तियार के नेतृत्व में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया था।
इस बैठक में रहीम यार खान परियोजना को निरस्त करने का प्रस्ताव रखा गया था। इस परियोजना को पंजाब प्रांत के तात्कालीन मुख्यमंत्री शाहबाज़ शरीफ के नेतृत्व में एक थर्मल कंपनी ने आगे बढ़ाया था।
खबरों के मुताबिक पाकिस्तान पहले ही कई परियोजनाओं के ठेके दे चुका है , ऐसे में एक नई परियोजना का बोझ पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को बिगाड़ सकता है। पाकिस्तानी अधिकारी के मुताबिक इमरान खान ऐसी लगभग 400 परियोजनाओं को रद्द करने की योजना बना रहा है। इस पर निर्णय आगामी मध्यावधि समीक्षा बैठक में लिया जाएगा।
सीपीईसी परियोजना का मार्ग पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है और भारत इसे अपनी संप्रभुता पर आक्रमण समझता है। इसी कारण भारत ने कई बार इसका मुखर विरोध किया है।
हाल ही खबरों के मुताबिक पाकिस्तान और चीन की चीन-पाक आर्थिक गलियारा परियोजना में अब सऊदी अरब भी शामिल होगा। डॉन के मुताबिक, सऊदी अरब पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह में 10 अरब डॉलर की आयल रिफायनरी का निर्माण करेगा। सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री ने यह जानकारी शनिवार को दी थी।