पाकिस्तान के नानका साहिब की मंगलवार को यात्रा के लिए 500 श्रद्धालुओं का विशेष जत्था पंहुच गए हैं। गुरुनानक की 550 वीं सालगिरह के मौके पर 1 अगस्त को पाकिस्तान में जश्न मनाया जायेगा। नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने श्रद्धालुओ के लिए वीजा जारी किया है।
उच्चायोग ने बयान में कहा कि “इन वीजा को प्रत्येक वर्ष हजारो श्रद्धालुओं को मुहैया किया जाता है और यह साल 1974 के पाकिस्तान-भारत प्रोटोकॉल के फ्रेमवर्क के तहत किया गया है। पाकिस्तान की सरकार को धार्मिक स्थलों पर यात्रा के प्रचार की नीति पर यकीन है। साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच जन सम्पर्क को बढाने पर यकीन रखता है।”
14 जुलाई को भारत और पाकिस्तान के बीच दूसरे चरण की द्विपक्षीय वार्ता का आयोजन हुआ था। ताकि सिख श्रद्धालुओं की डेरा बाबा नानक साहिब की यात्रा से सम्बंधित सभी मतभेदों को दूर किया जा सके। दोनों पक्षों ने कहा कि “वे श्रद्धालुओं की सुगम यात्रा की अधिकतर तौर तरीको पर सहमत है।”
एक बार करतारपुर गलियारे के खुलने के बाद सिख श्रद्धालुओं को ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब तक सीधे पंहुच दी जाएगी। करतारपुर में गुरु नानक देव ने साल 1539 में अपनी अंतिम सांस ली थी। इस मार्ग के सितम्बर के आखिरी तक खत्म होने की सम्भावना है।
भारत ने आग्रह किया कि भारत से प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति देने को दोहराया था और न्यूनतम 10000 अतिरिक्त श्रद्धालुओं को विशेष अवसरों के दौरान यात्रा की अनुमति मुहैया करनी चाहिए। पंजाब के गुरदासपुर से भारत -पाकिस्तान सीमा महज तीन किलोमीटर दूर है।
इस गलियारे के निर्माण के लिए भारत 500 करोड़ रूपए खर्च कर रहा है। इस धन को उच्च स्तर की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली की स्थापना करने के लिए खर्च किया जायेगा। भारत ने आग्रह किया कि यह आवाजाही वीजा मुक्त होनी चाहिए और पाकिस्तान को किसी अनुमति प्रणाली पर शुल्क लेने के बाबत पुनर्विचार करना चाहिए।