पाकिस्तान के प्रध्जन्मन्त्री इमरान खान सिंह के थारपारकर जिले के श्गिव मंदिर का दौरा करेंगे। इस यात्रा के दौरान इमरान खान स्थानीय हिन्दू समुदाय को संबोधित करेंगे। यह यात्रा ऐसे समय पर सामने आई हिया जब पाकिस्तानी सरकार ले खिलाफ हिन्दू और सिख समुदाय मानव अधिकार के मामले पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
पाकिस्तान के निर्माण के बाद मुल्क में हिन्दुओ और सिखों को तादाद काफी रही थी लेकिन बीते वक्त के साथ दोनों ही समुदाय अब अल्पसंख्यको की श्रेणी में आते हैं। धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यक समुदाय के इन आंदोलनों के कारण ही बीते दिनों इमरान खान की अमेरिका यात्रा के दौरान लगभग दस अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पत्र लिख मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा उठाने को कहा था।
इस पत्र में डोनाल्ड ट्रंप को आगाह किया था कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पाक सेना न सिर्फ अल्पसंख्यकों का दमन कर रही है, बल्कि विरोध करने वालों को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किया जा रहा है। इसके अलावा पत्र में हिन्दू और ईसाई लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन का मसला भी उठाया गया था।
पाक में अल्पसंख्यको की हालत में सुधार के लिए राज्य की तरफ से अधिक होना चाहिए, हिन्दू मंदिरों के पुनर्निर्माण के साथ ही अन्य कार्य करने की भी जरुरत है।
इमरान खान ने कहा था कि यदि वह अल्पसंख्यको पर दमन पर लगाम लगाने में असफल रहेंगे तो प्रधानमंत्री के पद से त्यागपत्र देने में नहीं हिचकेंगे। अब उनके पीएम बनने के बाद भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।
विश्लेषको के मुताबिक, भारत में भाजपा और आरएसएस पर अल्पसंख्यक मुस्लिमों कथित दमन पर निशाना साधने के लिए इमरान खान हिंदुओं को न सिर्फ संबोधित करेंगे, बल्कि शिव मंदिर भी जाएंगे।