पाकिस्तान में सिंध यूनिवर्सिटी ने 22 वर्षीय युवती का दाखिला रद्द का दिया है क्योंकि उसने सीरिया में आईएसआईएस से हथ्यार प्रशिक्षण लिया था और यह युवती लाहौर के चर्च में फियादीन हमले की नाकाम साजिश में शामिल थी। सिंध के जामशोरो में स्थित लियाकत यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल एंड हेल्थ साइंस में द्वितीय वर्ष की छात्रा नौरीन लेघरि अपने शहर से फरवरी 2017 में लापता हो गयी थी।
नौरीन दो महीने बाद लाहौर में एक एनकाउंटर के दौरान फिरफ्तार हुई थी जिसमे उसके सहयोगी अली को सुरक्षा बलों ने मार दिया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद यूनिवर्सिटी ने उसका दाखिला रद्द कर दिया था। इसके बाद उसे नवंबर 2018 में सिंध यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग में दाखिला मिल गया था लेकिन जब यूनिवर्सिटी को उसके माजी का मालूम हुआ तो उन्होंने दाखिला रद्द कर दिया है।
नौरीन के वालिद डॉक्टर अब्दुल जब्बार लेघरि डॉक्टर एमए क़ाज़ी इंस्टिट्यूट ऑफ़ केमिस्ट्री में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। नौरीन और उसके वालिद ने सिंध यूनिवर्सिटी के खिलाफ सिंध उच्चतम न्यायलय में याचिका दायर की है। याचिका के मुताबिक, संविधान के आर्टिकल के-25 के तहत यूनिवर्सिटी का प्रबंधन उसे शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं कर सकता है।
यूनिवर्सिटी के उपकुलपति फ़तेह बुरफत ने कहा कि “नौरीन को क्यों यूनिवर्सिटी से निष्काषित किया गया है प्रबंधन उसके तथ्य की जांच कर रहा है और कानून प्रवर्तन विभागों के निरक्षण के बाद उसके बारे में निर्णय लिया जायेगा।”
यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने कहा कि “सिंध यूनिवर्सिटी में आवेदन के दौरान उसने अपनी पिछली यूनिवर्सिटी से दाखिला रद्द करने के तथ्यों को छिपाया था। जब प्रबंधन को उसके माजी के बाबत मालूम हुआ तो उन्होंने दाखिला तत्काल रद्द कर दिया था।”
नौरीन ने गिरफ्तार के दौरान आतंकी गतिविधियों में अपनी संलिप्तता को कबूल किया था। अपने कबूलनामे में नौरीन ने कहा था कि “इस्लामिक स्टेट ने उसका इस्तेमाल ईस्टर बम हमले को अंजाम देने के लिए किया था। इस अभियान को अंजाम देने के लिए आतंकी समूह ने उसे दो फियादीन जैकेट, चार ग्रेनेड और कुछ गोलिया दी थी। बहरहाल सुरक्षा बलों ने उसके अभियान को नाकाम कर दिया था। एक आतंकी की हत्या कर दी थी और नौरीन समेत दो की गिरफ्तारी की थी।”