पाकिस्तान और अमेरिका के मध्य आतंवाद समेत कई मुद्दों पर मतभेद बना हुआ है, हालांकि दोनों राष्ट्र इस इन तल्खियों को दूर करने में जुटे हुए हैं। बुधवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ मज़बूत सम्बन्ध चाहते हैं और पाकिस्तान की नवनिर्वाचित सरकार के साथ जल्द मुलाकात करना चाहते हैं।
पाकिस्तानी नेतृत्व से जल्द मुलाकात
डोनाल्ड ट्रम्प ने पाने कैबिनेट सदस्यों से कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के 1.3 अरब डॉलर की सैन्य मदद बंद की क्योंकि “पाकिस्तान ने अपनी सरजमीं पर आतंकियों को पनाह दे रखी थी।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार ने तालिबान के साथ शांति वार्ता की पहल की है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐलान किया कि जल्द ही वह पाकिस्तान के नए हुक्मरान से मुलाकात करेंगे। दक्षिण कैरोलिना के सांसद और डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी लिंडसे ग्रैहम ने कहा कि अगर पाकिस्तान तालिबान को बातचीत के लिए राज़ी करता है, तब अमेरिका आतंकवाद और आईएस के अंत के पर अपना ध्यान केन्द्रित कर सकता है।
उन्होंने कहा कि “मैं पाकिस्तान के साथ एक मज़बूत सम्बन्ध चाहता हूँ, लेकिन उन्होंने अपने घर में दुश्मनों को पनाह दे रखी है। वह दुश्मनों का ख्याल रखते हैं और हम वह नहीं कर सकते हैं। मैं पाकिस्तान के नए नेतृत्व के साथ जल्द मुलाकात की सम्भावना तलाश रहा हूँ। उन्होंने कहा मैंने 1.3 अरब डॉलर की मदद पर रोक लगा दी है, मेरे ख्याल से वह पानी था जिसे हम बहा रहे थे, इसलिए मैंने उसे बंद कर दिया है।”
पाकिस्तान के साथ ‘एफटीए’
रिपब्लिकन सांसद ने कहा कि पाकिस्तान को तोहफे के स्वरुप एक मुक्त व्यापार समझौता दिया जाए, ताकि वह अफगान युद्ध को खत्म कर तालिबान को शांति वार्ता के लिए राज़ी कर सके। डोनाल्ड ट्रम्प ने आरोप आरोप लगाया कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ कभी निष्पक्ष नहीं रहा।
पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने बीते वर्ष अगस्त में प्रधानमन्त्री पद की शपथ ली थी। इमरान खान ने बीते जनवरी में कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ मुलाकात एक कड़वी दवाई की तरह है और प्रधानमन्त्री बनने के बाद उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे।