सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान रविवार को पाकिस्तान की यात्रा पर आएँगे। सूत्रों के मुताबिक तालिबान के प्रतिनिधि इस दौरान सऊदी प्रिंस से मुलाकात करेंगे। बीते कुछ समय में पाकिस्तान अफगान शान्ति में महत्वपूर्व भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है।
खाड़ी देशों से होने के कारण, सऊदी अरब भी शान्ति वार्ता का भाग है और रियाद के चरमपंथी समुदाय के साथ पारम्परिक सम्बन्ध होने के कारण वह तालिबान चरमपंथियों पर अपना प्रभाव छोड़ेंगे। क्योंकि इस्लाम का जन्म स्थान ही सऊदी अरब है।
रायटर्स के मुताबिक पाकिस्तान के दो वरिष्ठ अधिकारीयों ने कहा कि “तालिबान के प्रतिनिधि इस्लामाबाद में क्राउन प्रिंस से मुलाकात कर सकते हैं। विद्रोही अफगानिस्तान में दोबारा इस्लामिक कानून को लागू करने की मांग कर रहे हैं। इस दौरान वे अमेरिकी प्रतिनिधियों और पाकिस्तानी पीएम से मुलाकात भी करेंगे।”
एक पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि, फिलहाल यह गोपनीय है लेकिन यह इंगित करता है कि तालिबान प्रतिनिधियों और सऊदी प्रिंस की मुलाकात होगी।”
क़तर में तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात किये बिना कोई निर्णय लेना संभव नहीं है। दरअसल, प्रिंस सलमान से मुलाकात करना योजना का हिस्सा नहीं है लेकिन, जब हम इस्लामाबाद में होंगे, हम इस पर चर्चा करेंगे।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की पाकिस्तान यात्रा को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया है और इसका कारण भारत के कश्मीर में हुआ पुलवामा आतंकी हमला है। पाकिस्तान की पहली आधिकारिक यात्रा के बाद सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस 19 नवंबर से भारत की पहली आधिकारिक यात्रा पर आएंगे।
इस यात्रा क्राउन प्रिंस पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और अन्य वरिष्ठ सरकारी व सैन्य अधिकारीयों से मुलाकात करेंगे। सऊदी अरब पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह में 10 अरब डॉलर की आयल रिफायनरी का निर्माण करेगा।इस्लामाबाद के प्रवेश मार्ग पर अतिरिक्त पुलिस व पैरामिलिटरी फाॅर्स को तैनात किया जायेगा। शहर में विशेष चेकिंग पॉइंट को बनाया जायेगा।