लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी) ने सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) से हटाने की मांग करने वाली याचिका की सुनवाई स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति तारिक अब्बासी की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कार्यवाही की अध्यक्षता की। अदालत द्वारा यह पूछे जाने पर कि नवाज के लौटने की उम्मीद कब है, उनके वकील ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री अस्वस्थ हैं और उनका विदेश में इलाज चल रहा है।
उन्होंने कहा कि नवाज की सभी मेडिकल रिपोर्ट समय दर समय संबंधित अधिकारियों को सौंपी जा रही है।
इस पर अभियोजन पक्ष के वकील ने सवाल किया कि नवाज का चार सप्ताह का यात्रा अनुमोदन खत्म हो जाने के बावजूद वह वापस क्यों नहीं आए? इसके बाद न्यायमूर्ति चौधरी मुश्ताक ने अभियोजन पक्ष के वकील को राजनीतिक बयान देने से परहेज करने की नसीहत दी।
अदालत ने कहा कि एलएचसी द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, नवाज को अपने डॉक्टरों से फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद देश वापस लौटना चाहिए।
अदालत ने कहा कि अगर सरकार नवाज के स्वास्थ्य से संबंधित रिपोर्ट पर विश्वास नहीं करती तो वह अगल से एक अनुरोध दायर कर सकती है।
इस पर अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि अगर नवाज विदेश में रहना चाहते हैं, तो उन्हें सरकार से संपर्क करना चाहिए। इसके बाद अदालत ने सुनवाई को बाद की तारीख के लिए स्थगित कर दिया।
पिछले साल नवंबर में सरकार ने घोषणा की थी कि पूर्व प्रधानमंत्री को अपने उपचार के लिए चार सप्ताह की अवधि तक विदेश यात्रा करने की एकमुश्त अनुमति दी जाती है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सरकार ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की चिकित्सा रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। दावा किया गया कि इस रिपोर्ट को लंदन में किसी एक निजी चिकित्सक द्वारा तैयार किया गया है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल रिपोर्ट में शरीफ के इलाज के बारे में उनके रक्त प्लेटलेट काउंट के संबंध में कम जानकारी दी गई है।
शरीफ सात साल की जेल की सजा काट रहे हैं। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। बाद में प्लेटलेट काउंट में लगातार गिरावट आने के बाद उन्हें विशेष रूप से विदेश जाकर इलाज कराने की अनुमति दी गई थी।