लाहौर के पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी (पीआईसी) के बाहर वकीलों द्वारा किए जा रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के कारण डॉक्टरों द्वारा समय पर उपचार सुविधा देने में असफल रहने पर तीन मरीजों की मौत हो गई। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, वकील मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
वीडियो में एक डॉक्टर कुछ वकीलों के एक समूह के सामने किसी मुठभेड़ का वर्णन करते दिख रहा है। वीडियो में नजर आ रहे डॉक्टर के अनुसार, वकीलों का एक समूह पुलिस महानिरीक्षक के पास गया था और उन्हें एटीए की धारा 7 के तहत ‘दो डॉक्टरों’ पर चार्ज लगाने के लिए कह रहा था।
डॉक्टर ने विस्तारपूर्वक बताया कि आईजी ने चार्ज लगाने से मना कर दिया, लेकिन वकीलों का समूह उन पर ऐसा करने के लिए दबाव बनाते दिखा।
इस वीडियो को लेकर पीआईसी के बाहर बुधवार से बड़ी संख्या में वकील एकत्र हो गए। वहीं वकीलों ने प्रवेश द्वार और बाहर निकलने के द्वार को बंद कर दिया, जिससे विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया।
स्वास्थ्य मंत्री यसमीन रसीदी ने बुधवार शाम को मीडियाकर्मियों को बताया, “डॉक्टरों द्वारा समय से उपचार सुविधा न दे पाने और हिंसा को रोकने में व्यस्त रहने के कारण एक बुजुर्ग महिला के साथ ही दो मरीजों की मौत हो गई।”
लगातार कई घंटों के हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने दर्जनों वकीलों को गिरफ्तार कर रास्ते से अवरोध हटाया।