भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री को मदद का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि “अगर पडोसी मुल्क में आतकवाद से निपटने की ताकत नहीं है तो हम अपनी सेना को पाकिस्तान में भेजने के लिए तैयार है।”
उन्होंने पाकिस्तान से ईमानदारी से आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की मांग की है। हरियाणा के सोनीपत जिले में रैली के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि “अगर आप भारत की सहायता चाहते हैं तो नयी दिल्ली आतंकवाद से जंग में सहयोग को पूरी तरह तैयार है। अगर सेना की मदद जरुरी है तो भारत यह करने को तत्पर है।”
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान से भारत को अस्थिर करने के लिए आतंकवाद के इस्तेमाल को बंद करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि “भारत के खिलाफ आतंकवाद का इस्तेमाल करने से पूर्व उन्हें बालाकोट के प्रतिकार को जहन में रखना चाहिए।”
करनाल में एक दूसरी रैली में में उन्होंने पाकिस्तान को विभाजन का कसूरवार ठहराया था क्योंकि मोहम्मद अली जिन्नाह ने दरी राष्ट्र सिद्धांत दिया था। लेकिन साल 1971 में आपका मुल्क दो भागो में विभाजित हो गया था। सिंह का इशारा बांग्लादेश के विभाजन की तरफ था और उन्होंने कहा कि “अगर हालत जस के तस रहे तो कोई भी ताकत पाकिस्तान को मजीद टुकडो में बंटने से नहीं रोक सकती।”
बालाकोट अभियान के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि “रफाल विमानों का भारतीय नौसेना में शामिल होने से भारत बिना सीमा पर किये किसी दुसरे मुल्क के भीतर तक हमला करने के सक्षम है।” उन्होंने उन कांग्रेस के नेताओं की भी आलोचना की है जो फ्रांस में रफाल विमान की शस्त्रपूजा के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि “यह हमारी परंपरा का हिस्सा है, ऐसी आलोचना सिर्फ पाकिस्तान को मज़बूत करेगी।”