Fri. Nov 22nd, 2024
maharana ranjit singh

पंजाब सूबे में दशकों तक हुकूमत करने वाले महाराणा रंजीत सिंह का गुरूवार को पाकिस्तान में अनावरण किया जायेगा और यह उनकी 180 वीं वर्षगांठ पर किया जायेगा। मशहूर लाहौर किले की सिख गैलरी के बाहर उनकी प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। म्यूजियम के डायरेक्टर सैफुद्दीन ने ट्रिब्यून से कहा कि “यह प्रतिमा सरजमीं के पुत्र के लिए श्रद्धांजलि है।”

इस प्रतिमा के शिल्पकार ने बताया कि “यह प्रतिमा बेहद सुन्दर और वास्तविक है और इसमें महाराणा रंजीत सिंह के सभी गुण है। करीब 465 भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लाहौर के गुरुद्वारा डेरा साहिब में आने की सम्भावना है। यहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक सिमिति ने वीजा के लिए 282 आवेदनों को भेजा था और सिर्फ 224 को ही वीजा दिया गया है, 58 का वीजा ख़ारिज कर दिया गया है। जिन सिखों का वीजा मंज़ूर नहीं किया गया है उन्होंने एसजीपीसी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया था। उन्होंने मांग की कि यहां वीजा सिस्टम नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि “हमारी मांग है कि इस वीजा सिस्टम को खत्म कर देना चाहिए। श्रद्धालुओं को इसके बगैर यात्रा की अनुमति होनी चाहिए। हम अब पाकिस्तान की प्रतिक्रिया का इन्तजार कर रहे हैं।”

धार्मिक स्थलों पर यात्रा के भारत-पाकिस्तान प्रोटोकॉल, 1974 के तहत मंज़ूरी दी गयी है। इस समझौते के तहत भारत से हज़ारो श्रद्धालु  हर साल धार्मिक त्योहारों और अवसरों में शामिल होने के लिए पाकिस्तान की यात्रा कर सकते हैं।

1798 में जमन शाह के पंजाब से लौटने पर लाहौर पर कब्‍जा कर उसे राजधानी बनाया। भारत पर हमला करने वाले आक्रमणकारी जमन शाह दुर्रानी को उन्होंने महज 17 साल की उम्र में धूल चटाई थी। 27 जून, 1839 को महाराजा रणजीत सिंह का निधन हो गया।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *