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    भारत पाकिस्तान कैदी

    पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर नापाक हरकत करने को तैयार है। गुरूवार को पाकिस्तान ने संकेत दिए है कि वह कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में उठा सकता है।

    कश्मीर मुद्दे पर सीधे हां या ना कहने  की बजाय पाक विदेश कार्यालय प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को लेकर कानूनी विशेषज्ञ विचार-विमर्श कर रहे है। दरअसल पाक ने इसे जटिल कानूनी समस्या बताया है।

    हालांकि यह भी संकेत दिए है कि वो कश्मीर मुद्दे पर आवश्यक कानूनी राय लेकर आईसीजे में उठा सकता है। गौरतलब है कि इससे पहले भारत ने भी कुलभूषण जाधव मामले में आईसीजे में फांसी की सजा पर रोक की मांग उठाई थी।

    भारत ने मांगी पाकिस्तान से गारंटी

    पाकिस्तान की तरफ से उसकी जेल में बंद भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को उसकी पत्नी से मिलाने की पेशकश भारत को की गई थी। जिस पर भारत ने पाकिस्तान को अपना जवाब भी भेज दिया था। भारत ने पाकिस्तान को भेजे पत्र में कहा था कि जाधव की पत्नी और मां एक भारतीय राजदूत के साथ कुलभूषण जाधव से मिलेंगे।

    इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान से गारंटी मांगी है कि कुलभूषण जाधव के परिवार के सदस्यों को उनकी यात्रा के दौरान किसी तरह से परेशान नहीं किया जाएगा और न ही कोई सवाल किया जाएगा।

    भारत के इस सवाल का अभी तक पाकिस्तान ने कोई जवाब नहीं दिया है। गौरतलब है कि पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव को पाकिस्तान ने जासूसी के आरोपों पर गिरफ्तार किया गया था।

    पिछले साल पाक ने जाधव को ब्लूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार करने का दावा किया था वहीं भारत ने कहा था कि जाधव को ईरान से गिरफ्तार किया गया है।

    पाक ने जाधव को फांसी की सजा सुनाई थी लेकिन अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारत की मांग पर पाक के आदेश पर रोक लगा दी थी।

    मानवीय आधार पर पाक ने दिया था जाधव से मिलने का प्रस्ताव

    हाल ही में कुछ हफ्तों पहले पाकिस्तान सरकार ने भारत को प्रस्ताव दिया था कि वो कुलभूषण जाधव को उनकी पत्नी से मुलाकात करने की इजाजत देना चाहते है।

    पाकिस्तान ने कहा था कि उसने ऐसा मानवीय आधार पर किया है। पाकिस्तान ने जोर देकर कहा है कि मिलने की व्यवस्था पूरी तरह मानवतावादी आधार पर की जा रही है।

    कुछ मीडिया रिपोर्टों ने पाकिस्तान की पेशकश को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) पर भारत के तर्कों का विरोध करने के प्रयास के रूप में जोड़ा है।

    क्योंकि आईसीजे ने पाकिस्तान से 13 दिसंबर तक अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने को कहा है। इसके बाद ही कोर्ट आगे की कार्यवाही शुरू कर सकती है। फिलहाल तो भारत को उसकी मांग पर पाकिस्तान के जवाब का इंतजार है।