पाकिस्तान में ईशनिंदा में मामले में बरी हुई ईसाई महिला आसिया बीबी के खिलाफ प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद लगातार तीसरे दिन प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जाम लगाया और सार्वजानिक स्थानों पर आगजनी की। पाकिस्तान के इस्लामिक समूह, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के साथ 14 अन्य धार्मिक कट्टरवादीवादी समूह सड़कों पर उत्पात मचा रहे हैं।
पाकिस्तान की सेना ने चेताया कि प्रदर्शनकारी हमारे सब्र का इम्तिहान न लें, और जनता से अनुरोध किया कि बिना किसी बल के प्रयोग के शातिपूर्ण तरीके से इस तनाव को रोक दें। आर्मी के प्रवक्ता मेजर गफूर ने कहा कि हम सब्र दिखा रहे हैं, ईशनिंदा मामले से आर्मी का कोई सम्बन्ध नहीं है, फिर भी हमारे लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा हम नही चाहते कि सेना प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का प्रयोग करे।
उन्होंने बताया कि सरकार और ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रही है। ख़बरों के मुताबिक हिन्साजनक तत्वों ने कराची, लाहौर, पेशावर और इस्लामाबाद में सड़के जाम कर रखी है, और सारी गतिविधियों पर रोक लगा रखी है। इन शहरों में व्यापारिक गतिविधिया ठप पड़ी हुई है। साथ ही सभी शैक्षिक संस्थानों को बंद कर रखा है।
ख़बरों के मुताबिक प्रदर्शन की आशंका में बलूचिस्तान, पंजाब और सिंध में धारा 144 लागू कर दी गयी है। इमरान खान ने हाल ही में कहा था कि प्रदर्शनकारी सरकार से मुकाबला न करे। पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने बताया कि सभी प्रमुख शहरों में इन्टरनेट सेवा बंद कर दी गयी है।
पाकिस्तान की मीडियन के मुताबिक आसिया बीबी मौत के खतरे के कारण पाकिस्तान छोड़कर किसी अन्य देश में चली गयी है। पाकिस्तान की अदालत ने हाल ही में ईशनिंदा मामले में आसिया बीबी को बरी कर दिया था जबकि सम्विन्धान के मुताबिक इस केस में मौत की सजा दी जाती है।
पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून के मुताबिक साल 2010 में मौत की सजा पाने वाली आसिया बीबी पहली महिला थी। ईशनिंदा कानून को पूर्व सैन्य तानाशाह जिया उल हक ने लागू किया था।