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    पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले और जनरल कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार मामले में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के विरोध में गुरुवार को पाकिस्तान में वकीलों ने देशव्यापी हड़ताल की। वकीलों ने सरकार के इन कदमों को ‘असंवैधानिक’ करार दिया है। हड़ताल का आह्वान पाकिस्तान बार कौंसिल ने किया था। उसके आह्वान पर वकीलों ने काम नहीं किया और अपने बार रूम में सभाएं कर सरकार की नीतियों के प्रति विरोध जताया।

    पाकिस्तान बार कौंसिल ने एक बयान में कहा कि हड़ताल ‘परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह मामले में सजा से बचाने के लिए सरकार द्वारा अदालत में दायर याचिका’ और सेना प्रमुख को सेवा विस्तार दिए जाने के खिलाफ की जा रही है।

    पाकिस्तान में सत्तारूढ़ इमरान सरकार ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को सेवा विस्तार दिया जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पहले निलंबित किया और फिर कड़ी टिप्पणियों और शर्तो के साथ छह माह के लिए मंजूर किया है। एक अन्य मामले में सरकार ने याचिका दायर कर मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले में विशेष अदालत द्वारा फैसला दिए जाने पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। इस याचिका को इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा मंजूर भी किया गया।

    पाकिस्तान बार कौंसिल के पदाधिकारियों ने जनरल बाजवा मामले में सरकार के तौर तरीके पर आपत्ति जताई और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कहने पर संघीय सरकार ने आधा-अधूरा काम किया। इस मामले में सरकार ने अपनी अक्षमता का परिचय दिया है।

    पदाधिकारियों ने कहा कि वे मुशर्रफ को देशद्रोह मामले में सजा से बचाने के लिए सरकार द्वारा इस्लामाबाद हाईकोर्ट की शरण लेने को ‘पूरी तरह से गलत और अभूतपूर्व कदम’ मानते हैं और इसकी निंदा करते हैं।

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