पाकिस्तान के आतंकवाद पर नकेल कसने के कार्य पर हीलहवाली बरतने से अमेरिका ख़ासा नाराज़ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड कई दफा पाकिस्तान पर आतंकवाद को संरक्षण देने के लिए हमला बोल चुके हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि जानब तक पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को तबाह नहीं कर देता, तब तक पाकिस्तान क दी जाने वाली 1.3 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता बंद रहेगी।
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि पाकिस्तान ने हमारे लिए रत्ती भर भी कार्य नहीं किया है। उन्होंने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को सुरक्षा मुहैया कर रही थी, वह पाकिस्तान के अब्बोट्टाबाद में सैन्यछावनी के ठीक बगल में रह रहा था।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि मैं चाहता हूं कि पाकिस्तान हमारी मदद करें। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान की मदद इसलिए रोकी है क्योंकि उनकी सरकार ने हमारे लिए कुछ नहीं किया था। बीते कुछ समय से डोनाल्ड ट्रम्प पाकिस्तान की आतंकवाद पर नकेल न कसने के कारण आलोचना कर रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि एक लम्बे अंतराल से पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर हमने रोक लगा दी क्योंकि पाकिस्तान हमारी मदद नहीं कर रहा है, तो मदद राशि कहाँ जा रही है। उन्होंने कहा अब सारी आर्थिक सहायता रोक दी गयी है, अब हालात तभी सुधरेंगे जब पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा।
अमेरिका में नियुक्त पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा कि शायद राष्ट्रपति गलत है कि पाकिस्तान ने अमेरिका के लिए कुछ नहीं किया है। पाकिस्तान ने अमेरिका की कई रणनीतियों को सफल बनाने में मदद की थी। पाकिस्तान को अमेरिका साल 1974 से 43 बिलियन डॉलर आर्थिक और सैन्य सहायता मुहैया कर चुका है।
हुस्सियन हक्कानी ने कहा कि न सिर्फ अफगनिस्तान में दोनों राष्ट्रों के रानिनितियों में टकराव उत्पन्न हो रहा है बल्कि चीन के एशिया में बढ़ते प्रभाव पर भी दोनों राष्ट्रों की सोच भिन्न हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ही दोनों देशों के संबंधों को वापस पटरी पर ला सकता है। पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों में खटास डोनाल्ड ट्रम्प के बीते साल दक्षिण एशिया और अफगानिस्तान रणनीति की घोषणा करने के बाद आये थे।
अफगानिस्तान और अमेरिका के मुताबिक पाकिस्तान तालिबान के आतंकियों को सुरक्षित सुरक्षित मुहैया करता है। बीते सितम्बर में अमरीका ने पाकिस्तान की 300 अरब डॉलर की सैन्य सहायता पर रोक लगा दी थी।