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    पाकिस्तान में हिंदू मंदिर तोड़ने के मामले में 20 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। भारत की ओर से बढ़ते विरोध व हिंदू संगठनों की सक्रियता के चलते यह संभव हो पाया। बुधवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में ए हिंदू मंदिर पर हमला किया गया था। भारत ने आधिकारिक रूप से इसपर विरोध जताया। साथ ही राजनयिक रूप से भी एक्शन लिया गया। जिसके चलते पाकिस्तान पर दबाव बना और फिर मंदिर को नुकसान पहुंचाने वालों को गिरफ्तार किया गया।

    खैबर पख्तूनख्वा के करक जिले में बुधवार को हमला व आगजनी की गई। पाकिस्तान में मंदिरों पर हमले की ये कोई पहली घटना नहीं है। लेकिन इस घटना के बाद पाकिस्तान के हिंदू संगठनों ने विरोध तीव्र किया और साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान को विरोध का सामना करना पड़ा। साथ ही पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठनों ने भी घटना का विरोध किया। इसके बाद पाकिस्तान ने इस मामले में 20 से ज्यादा गिरफ्तारियां की। 

    पाकिस्तान में हमेशा से ही अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हिंसा व अमानवीय व्यवहार की घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन जब अत्याचार ज्यादा बढ़ गया तो भारत ने भी कड़ा रुख अपनाया। विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा कि हम पाकिस्तान से इस मामले पर कड़ी कार्यवाही की उम्मीद करते हैं। 

    पाकिस्तान ने इसके बाद गिरफ्तारियां भी की और साथ ही क्षतिग्रस्त मंदिर के पुनर्निर्माण का भी आदेश जारी किया है। पाकिस्तान ने आश्वासन दिया है कि घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इस मंदिर पर हुए हमले में 1500 लोगों के शामिल होने की बात बताई जा रही है। यह मंदिर श्री परमहंस जी महाराज का समाधि स्थल है और मंदिर का नाम कृष्ण द्वार मंदिर है। पाकिस्तान के हिंदू संगठनों ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट कराची में भी उठाया था और इस मामले पर 5 जनवरी को सुनवाई होने तय हुई है। 

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