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    नवजात शिशु

    यूनिसेफ ने नवजात मृत्यु दर को लेकर मंगलवार को रिपोर्ट जारी की है। नवजात मृत्यु दर के मामले में पाकिस्तान की स्थिति बेहद खतरनाक है। इसमें 22 बच्चों में से एक का जन्म होता है, जो एक महीने की उम्र से पहले ही मर जाता है। इस लिस्ट में निम्न मध्य-आय वाले 52 देशों को शामिल किया गया।

    भारत की बात की जाए तो यहां पर नवजात मृत्यु दर (प्रति हजार जन्मे बच्चे) 25.4 है जो कि 52 देशों में 12वे स्थान पर आता है। इस लिस्ट में जापान को सबसे सुरक्षित देश माना गया है। रिपोर्ट से कहा जा सकता है कि भारत की स्थिति पाकिस्तान की तुलना में बेहतर है, जबकि अन्य राष्ट्रों की तुलना मे ज्यादा खास नहीं है।

    भारत और पाकिस्तान के समान ‘निम्न मध्यम आय वाले’ समूह में, श्रीलंका की सबसे कम नवजात मृत्यु दर 5.2 है, जिसका उच्च आय वाले देशों के साथ तुलनात्मकता की जा सकती है। बांग्लादेश, नेपाल और भूटान नवजात शिशुओं के मामले में भारत से आगे है।

    यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में 2.6 मिलियन बच्चे हर एक महीने के अंदर ही मर जाते है। प्रत्येक दिन करीब 7000 नवजात बच्चों की मौत होती है। भारत में जहां 26 मिलियन बच्चे एक साल में पैदा होते है उसमें से 640,000 बच्चे नवजात मौत के शिकार हो जाते है।

    रिपोर्ट में बताया गया है कि 80 फीसदी नवजातों की मौत की वजह समय से पहले जन्म लेना, ऑक्सीजन की कमी और सेप्सिस तथा न्यूमोनिया सहित जन्मजात संक्रमण जैसी समस्याएं होती है।

    भारत में यूनिसेफ के प्रतिनिधि डॉ. यास्मीन अली हक ने कहा कि भारत वर्तमान में साल 2030 तक नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में आगे बढ़ रहा है। हमें अगले 12 वर्षों में इसे आधा करना होगा। भारत के कई राज्यों की जन्म मृत्यु दर भी भयावह है।