प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि “पाकिस्तान के वार्त से भारत भारत शर्मा के नहीं भाग रहा है और उनसे आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने का आग्रह किया था लेकिन इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने को भी प्रयास नहीं किया है।”
ट्रम्प के समक्ष आतंकवाद का मुद्दा उठाया
प्रधानमन्त्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान यह बयान दिया था। विदेश सचिव विजय गोखले ने दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद कहा कि “प्रधानमन्त्री ने डोनाल्ड ट्रम्प को स्पष्ट कर दिया है कि हम पाकिस्तान के साथ वार्ता से शर्मा कर नहीं भाग रहे हैं लेकिन इससे पहले पाकिस्तान को कुछ ठोस कदम उठाने थे लेकिन हमें ऐसा कोई भी प्रयास होते नहीं दिखा था।”
गोखले ने कहा कि “भारत ने बीते 30 वर्षों से खासकर जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से सम्बंधित चुनौतीपूर्ण मुद्दों को उठाया है। आतंकवाद पर लम्बी बातचीत हुई थी और प्रधानमन्त्री ने ट्रम्प को बताया कि बीते 30 वर्षों में आतंकवादी हमलो में 42000 लोगो की मौत हो चुकी है और यह वैश्विक समुदाय के लिए आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने के लिए काफी है।”
उन्होंने कहा कि “प्रधानमन्त्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर अपने नजरिये को रखा था और राष्ट्रपति ट्रम्प ने इसे समझा और इसे स्वीकार किया कि इस चुनौती का दोनों देश एकजुट होकर सामना करेंगे।”
गोखले ने कहा कि “प्रधानमन्त्री ने ट्रम्प को बताया कि वैश्विक स्तर पर कई विकसित देशो और साथ ही विदेशी लडाको की सार्थक संख्या आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। हमारा मुल्क दूसरा सबसे अधिक मुस्लिम जनसँख्या वाला देश है जिनकी भारत पर आस्था है।”
उन्होंने कहा कि “प्रधानमन्त्री ने राष्ट्रपति को बताया कि विश्व के अन्य भागो केके मुकाबले भारत में उग्रवाद के स्तर में सार्थक कमी है।” प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच 30 से 45 मिनट की बैठक से भारत का संतुष्ट है।