कश्मीर में आतंकी हमले के बाद ही भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कवायद शुरू कर दी है। सरकार ने पी-5 देशों के राजदूतों जापान, यूरोपीय संघ और खाड़ी देशों को पाकिस्तानी समर्थित आतंक के बाबत बताना शुरू कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के पांच स्थायी सदस्य है, जिसमे अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन है।
भारत की कवायद शुरू
आज सुबह ही सुरक्षा के बाबत सरकार की कैबिनेट में बैठक हुई थी, जिसमे पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए सभी संभावित कूटनीतिक कदम उठाने का निर्णय लिया गया है। इसमें पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का तमगा भी छिना जाना शामिल है।
भारत ने बीती शाम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्यों से आतंकियों की सूची के प्रस्ताव को समर्थन करने की थी। इसमें जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अज़हर भी शामिल है। इसमें ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, रूस ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े होने का आश्वासन दिया है, लेकिन चीन अभी भी मसूद अज़हर पर अपनी स्थिति को बदलने के लिए तैयार नहीं है।
चीन का पक्ष
पाकिस्तान में नियुक्त भारतीय राजदूत अजय बिसरिया को भी सरकार के साथ विचार-विमर्श के लिए दिल्ली बुलाया गया है। मसूद अज़हर को यूएन सुरक्षा परिषद् में वैश्विक आतंकी घोषित करने पर चीन का पक्ष के बाबत उन्होंने कहा कि “1267 सुरक्षा परिषद् कमिटी ने आतंकी संघठनो के खिलाफ लिस्टिंग पर शर्त और प्रक्रिया स्पष्ट है। चीन प्रतिबंधों से सम्बंधित मसलों को रचनात्मक व दायित्व से संभालेगा।”
रिपोर्टों के अनुसार, हमला एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किया गया था, जिसने विस्फोटक से भरी कार को सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी थी। काफिले में 70 से अधिक वाहन और 2,500 से अधिक कर्मी थे। हमला तीन साल में सबसे बड़ा हमला है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी समूह ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।
भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान के राजदूत को तलब किया और पुलवामा आतंकी हमले के खिलाफ विरोध प्रकट किया है। कश्मीर के पुलवामा जिले में पाकिस्तानी समर्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले कर दिया जिसमे 40 सैनिकों की शहादत की खबर आयी है।
पाकिस्तान की सफाई
पाकिस्तान ने पुलवामा हमले पर सफाई देते हुए कहा कि “जिले में यह आतंकी हमला गंभीर मामला है और उन्होंने भारतीय मीडिया और सरकार के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत बिना सबूत के पाकिस्तान के दामन को दागदार नहीं कर सकता है।” पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि “हम भारतीय मीडिया और सरकार के बिना तफ्तीश के आरोपों को खारिज करते हैं। हम घाटी में ऐसे हिंसक हमलों की सदैव निंदा करते रहे हैं।”