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    भारत और पाकिस्तान के मध्य करतारपुर गलियारा अभी सबसे प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। पाकिस्तान ने भारत के साथ करतारपुर गलियारे समझौते के पैक्ट को साझा किया बै औ जल्द ही इस ड्राफ्ट को अंतिम रूप सेने को कहा है। साथ ही पाकिस्तान ने भारत को प्रस्ताव को फाइनल करने के लिए पाकिस्तान आने के लिए आमंत्रित भी किया है।

    इस प्रस्ताव के तहत भारत के सिख श्रर्द्धालुओं को पाकिस्तान के नरोवाल में स्थित नानक साहिब गुरुद्वारे के दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी। भारतीय सीमा के गुरदासपुर से यह गुरूद्वरा केवल 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

    पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान में स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से इस प्रस्ताव को भारत को सौंपा गया है।

    भारत की विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान की किसी गूगली के जाल में नहीं फंसा था। उन्होंने कहा कि ‘श्रीमान विदेश मंत्री आपकी गूगली ने किसी और का नहीं बल्कि आपका नाटक को उजागर किया है’। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री सिखों की भावनाओं का सम्मान नहीं करते हैं, आप सिर्फ गूगली खेलते हैं।

    पाकिस्तान के करतारपुर गलियारे के शिलान्यास समारोह में दो भारतीय मंत्रियों के शरीक होने पर शाह महमूद कुरेशी ने कहा था कि  इमरान खान के सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर सीमा खोलने से भारत असमंजस में पड़ गया है। यह इमरान खान को गूगली थी, जिसके आगे भारत मजबूर जो गया था।

    इसका पलटवार करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों पर रोक नही लगाता बातचीत सम्भव नहीं है। उन्होंने चुनाव में व्यस्तता के कारण इन समारोह में शरीक न होने के बाबत बताया था।

    इमरान खान ने विदेह मंत्री कुरेशी के बयान पर्दा डालने के लिए कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ शांतिपूर्ण सम्बन्ध चाहता है। उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारा कोई दोहरी चाल या गूगली नहीं था बल्कि एक सीधा निर्णय था।

    भारतीय विदेश मन्त्री के जवाब में पाकिस्तान के शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनके बयान को सिख समुदाय की भावनाओं से जोड़ना, जानबूझकर गलत तरीके से बयान को पेश करने और बहकाने का प्रयास था।

    उन्होंने कहा कि हमारे मन में सिख समुदाय के लिए बहुत सम्मान है और ऐसे विवाद उन भावनाओं को परिवर्तित नहीं कर सकते हैं।

    उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे को खोलने का निर्णय सिख समुदाय के साथ जुड़ाव के कारण लिया था। उन्होंने कहा कि हमने इस ऐतिहासिक पहल का निर्णय अच्छी आस्था और इच्छा के साथ लिया था और इस आगे भी बढ़ाएंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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