अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि “पाकिस्तान में आतंकवाद का विस्तार करने के लिए भारत अफगानी सरजमीं का इस्तेमाल कर रहा है, इसके हमें कोई सबूत नहीं मिला है।” साउथ एंड सेंट्रल एशिया मामलो के उपसचिव ऐलिस वेल्स ने कहा कि “आपके वक्तव्य से सम्बंधित मेरे पास कोई सबूत मौजूद नहीं है लेकिन हमारी नीति स्पष्ट है कि कोई भी देश देश विरोधी ताकतों का इस्तेमाल नहीं करेगा।”
वेल्स इस्मालाबाद में स्थित अमेरिकी दूतावास में एक सवाल का जवाब दे रही थी। पाकिस्तान ने भारत पर इसका आरोप लगाया था और दावा किया कि “हमारे मुल्क में अराजकता फैलाने के लिए भारत अफगानी सरजमीं का इस्तेमाल करता है।”
अमेरिका के अफगानिस्तान में विशेष राजदूत जलमय ख़लीलज़ाद का प्रतिनिधि समूह इस्लामाबाद आया हुआ है और इसमें ऐलिस वेल्स भी शामिल है। उन्होंने कहा कि “पाकिस्तानी सेना के हालिया बयान से वह वाकिफ नहीं है कि भारत के ख़ुफ़िया विभाग पश्तून तहफूज़ मूवमेंट को वित्तीय सहायता मुहैया कर रहे हैं।
वेल्स ने क्षेत्रीय देशों से एक-दूसरे की सम्प्रभुता का सम्मान करने का आग्रह किया है और क्षेत्र में शान्ति व आर्थिक वृद्धि हासिल करने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि “हम पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता और सम्प्रभुता का सम्मान और इसे मान्यता देते हैं। हम किसी अलगावादी या चरमपंथी अभियान का समर्थन नहीं करते हैं।”
उन्होंने कहा कि “यह महत्वपूर्ण है कि इस क्षेत्र के राष्ट्र एक-दूसरे का सम्मान करे और क्षेत्र में शान्ति व आर्थिक वृद्धि हासिल करने के लिए एकजुट होकर कार्य करे।”
मेजर जनरल आसिफ गफूर ने भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग पर पश्तून तहफूज़ मूवमेंट की वित्तीय सहायता करने का आरोप लगाया है। यह पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की तैनाती के मानव अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ पश्तून समुदाय का आंदोलन है।