पाकिस्तान ने गुरुवार 3 मई को 21 वर्षीय जितेंद्र अरजनवारा को रिहा कर किया। 2013 से के पाकिस्तान कराची स्थित जेल में जितेंद्र को रखा गया था। टीबी और कैंसर से जूझ रहे जितेंद्र को मानवता के चलते रिहा किया गया हैं।
जितेंद्रको कराची से लाहौर ले जाया गया और वाघा बॉर्डर पर उन्हें भारतीय अधिकारीयों को सोंपा गया। मध्य प्रदेश का रहिवासी जितेंद्र 2013 से पाकिस्तान की जेल में बंद थे, नागरिकता की पुष्टि न होने के कारण उन्हें रिहा नही किया गया था।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार भारतीय कैदी जितेंद्र बिगडती सेहत के मद्देनजर उसे रिहा किया जा रहा हैं।
गुरुवार दोपर एक बजे जितेंद्र को भारतीय आधिकारियों को सोंपा गया, सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें अमृतसर के गुरु नानक देव हॉस्पिटल में भर्ती किया गया हैं। जबलपुर से 130 किलोमीटर दूर स्थित जितेंद्र के गाव से उनका परिवार जल्द ही अमृतसर पहुंचेगा।
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से प्रोटोकॉल ऑफिसर सुनील कुमार ने जितेंद्र को दिल्ली स्थित एम्स में उपचार के लिए भर्ती किए जाने की बात कही। अगर डॉक्टर अनुमति देते हैं तो जितेंद्र को दिल्ली ले जाया जाएगा और उनके परिजनों दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश सरकार के मध्य प्रदेश भवन में आमंत्रित किया जाएगा।
घरेलू झगड़े की वजह से जितेंद्र अपने मध्य प्रदेश के गाव से चला गया था, और चलते चलते वह राजस्थान पहुँच गया। मानसिक तनाव से पीड़ित जितेंद्र अनजाने में सीमा पार कर पाकिस्तान पहुँच गया था। जितेंद्र को पाकिस्तान की कई जेलों में रखा गया था, और गिरफ्तारी के बाद उन्हें आरोग्य विषयक समस्याएं होने लगी। जितेंद्र का इलाज पाकिस्तान में कराया जा रहा था।
भारतीय कैदी जितेंद्र को रिहा करवाने में पाकिस्तानी वकील हया ज़ाहिद ने मदत की। पाकिस्तान की सिंध प्रान्त की हैदराबाद जुवेनाइल जेल में स्वच्छता का जायजा लेने पहुंचे जाहिद को जितेंद्र के बारे में पता चला। 2014 तक जितेंद्र अपनी ज्यादातर सजा काट चूका था। फरवरी 2018 में हया जाहिद जब फिर जेल का निरिक्षण करने पहुंचे तब उन्होंने जितेंद्र को देखा, और उन्हें रिहा करवाने की कोशिशों में लग गए।
हया ज़ाहिद और जेल के अन्य डॉक्टरों, अधिकारीयों जितेंद्र की दिन प्रतिदिन ख़राब होती सेहत के बारे में पाकिस्तानी सरकार और इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग को नोटिस भेजा। उसके बाद भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान सरकार से जितेंद्र को रिहा करने की मांग की, जिसे पाकिस्तान सरकार ने मान लिया।
जितेंद्र की रिहाई से पहले, 23 वर्षीय दलविंदर सिंह को पाक रेंजर्स ने बीएसएफ को सोंपा था। दलविंदर भी अनजाने में पाकिस्तान की सीमा में चला गया था। पाकिस्तान की जेल में एक सप्ताह बिता ने के बाद दलविंदर को रिहा किया गया था।