लन्दन में भारतीय उच्चायोग के बाहर हालिया हिंसक प्रदर्शन और भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ की ब्रिटेन ने आलोचना की है। ब्रिटिश कश्मीरी समूहों ने कश्मीरी फ्रीडम मार्च का आयोजन किया था। कश्मीर मामले को लेकर हजारो प्रदर्शनकारी मंगलवार को भारतीय उचायोग के बाहर एकत्रित हो गए थे।
लन्दन में भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़
इस प्रदर्शनकारियों ने दूतावास की ईमारत पर अंडे और सब्जियों को फेंका था। प्रदर्शनकारियों ने उच्चायोग की एक खिड़की को भी तोड़ दिया था। प्रदर्शनकारियो ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के झंडे को उठा रखा था और कश्मीर की आज़ादी के नारे लगा रहे थे।
ऑल्टन्यूज़ मीडिया के डेविड वेन्स ने कहा कि “लन्दन में ब्रिटिश पाकिस्तानियों ने भारतीय उच्चायोग पर हमला किया। इन जंगली ठगों को हमारी गलियों में जाने की इजाजत क्यों दी गयी। ब्रिटिश पाकिस्तानी स्कॉटिश नेशनल पार्टी के समर्थन का लुत्फ़ उठा रहे हैं।”
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “स्कॉटलैंड में कई पाकिस्तानी अलगाववादी एसएनपी के कट्टर समर्थक है। इसके बदले में एसएनपी कश्मीर से 370 को हटाने को लेकर अभियान चला रही है। इसलिए गैर मुस्लिमो के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है।”
ब्रिटेन के लिए शर्मनाक
बुधवार को कई ब्रितानी नागरिको ने भारतीय उच्चायोग का दौरा किया था और लन्दन के मेयर सादिक खान की आलोचना की थी कि उन्होंने भारत विरोधी प्रदर्शन के लिए हजारो प्रदर्शनकारियो को एकजुट होने की अनुमति दी थी।
एक मीडिया व्यक्तित्व और लेखक कैटी होपकिंस ने ट्वीटर पर एक विडियो पोस्ट किया जिसमे आक्रमक प्रदर्शनकारियो द्वारा अंडे और सब्जियां फेंककर गंदगी को फैला रखा था।
उन्होंने कहा कि “लन्दन में दूतावास हमारे सबसे बड़े सहयोगियों में एक में अंडे फेंककर गंदगी को फैला रखा है और ब्रिटेन में पाकिस्तानी प्रदर्शनकारियो ने खिडकियों में तोड़फोड़ की है। क्या लन्दन के मुस्लिम मेयर इस रवैये के समर्थक है। इसे साफ़ क्यों नहीं किया गया है। यह ब्रिटेन के लिए बेहद शर्मनाक बात है।”