भारत ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान पत्रकारों को एयरस्ट्राइक वाली जगह पर जाने की इजाजत नहीं दे रहा है क्योंकि वह जानकारी को छिपाना चाहता है। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकियों के प्रशिक्षण शिविरों को तबाह कर दिया था।
पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारीयों ने गुरूवार को सुरक्षा का हवाला देकर रायटर्स की टीम को उत्तर पूर्व पाकिस्तान में जाने से रोक दिया था। यहां जैश ए मोहम्मद का मदरसा चलता है जिसमे कथित तौर पर फियादीन आतंकियों को तैयार किया जाता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवेष कुमार ने पत्रकारों से कहा कि “पाकिस्तान का हवाई हमले वाली जगह पर पत्रकारों को जाने से रोकने के पीछे सबूतों को दुनिया से छिपाने का मंसूबा है।” उन्होंने कहा कि “भारत अपने मत पर अड़ा है कि हवाई हमला सफल रहा और उसने अपने लक्ष्यों पर बखूबी निशाना साधा था।”
पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहममद द्वारा संचालित मदरसा रायटर्स द्वारा जारी सेटेलाइट की हाई रेसोलुशन इमेज में सही सलामत दिखाई दिया है। इस तस्वीर में ईमारत की छतों पर कोई छेद नहीं दिखाई पड़ते हैं, न खरोच के, न दीवार गिरने के निशान है, न मदरसे के आस पास दरख्तों के विस्थापित होने और अन्य सबूत हैं। इस तस्वीर से भारत सरकार के दावे पर प्रश्नचिन्ह उठता है। भारत सरकार ने कहा था कि “उन्होंने बालाकोट में आतंकियों के प्रशिक्षण ठिकानो को निशाना बनाया था और उसमे कई आतंकियों की मौत हुई थी।
भारत सरकार ने अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है कि आतंकी शिविरों को तबाह करने के लिए कौन से हथियार का इस्तेमाल किया गया था। एक वरिष्ठ रिसर्च एसोसिएट लेविस एंड डेव सचमेरलेर ने कहा कि “घातक हथियारों का इस्तेमाल करने से ढांचों में क्षति तस्वीर में दिखाई देती। अगर हमला सफल रहा, तो इमारत पर क्षति के निशान दिखाई देते, जो मुझे तस्वीर में नहीं दिखाई दे रहे हैं।”
जाहिर है जबसे भारत सरकार नें यह दावा किया है कि उसने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला किया है, तबसे पाकिस्तान नें किसी भी विदेशी मीडिया को प्रभावित हुए इलाके के पास जाने नहीं दिया है।
कई विदेशी मीडिया जैसे अल जजीरा और रायटर्स नें जाने की कोशिश की है, लेकिन पाकिस्तानी सरकार नें उन्हें अनुमति नहीं दी है।
अब हालाँकि भारत नें विश्व के सामने यह पक्ष रखा है कि पाकिस्तान फिर से आतंकियों की रक्षा कर रहा है।