पाकिस्तान के विभिन्न भागो में पोलियो कर्मचारियों पर हमले की घटनायें बढ़ती जा रही है और इसके कारण सरकार ने पोलियो विरोशी अभियान और इसके बाद मूल्यांकन अभियान को रद्द कर दिया गया है। समस्त देश में पांच साल से नीचे 3.9 करोड़ बच्चों को एंटी पोलियो ड्राप देने के लिए सोमवार को अभियान की शुरुआत की गयी और शुक्रवार इसका अंतिम दिन था।
इस अभियान में 26000 पोलियो कर्मचारी कार्यरत है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेशावर के कुछ क्षेत्रों में पोलियो की दवाई पीने के बाद कई बच्चों को अस्पताल ले जाना पड़ा था। इसके बाद पाकिस्तान के उत्तरी पश्चिमी इलाके में पोलियो कर्मचारियों की सुरक्षा में तैनात सैनिक को एक अज्ञात बंदूकधारी ने मार दिया था।
इसके बाद बलूचिस्तान में एक महिला कर्मचारी को जान से आर दिया गया और अन्य को घायल कर दिया गया था। इस अभियान के कर्ताधर्ता बाबर बिन अट्टा ने कहा कि “एंटी पोलियो दवाई बिलकुल सुरक्षित है और पोलियो विरोधी सोशल मीडिया पर अफवाहे उड़ा रहे हैं जिससे वाल्दीन में खौफ है।”
नेशनल ऑपरेशन इमरजेंसी सेंटर फ़ो पोलियों ने पत्र लिखकर सभी प्रांतो को अभियान को रोकने के आदेश दिए हैं। ईओसी के मुताबिक, पोलियो कर्मचारियों के लिए अनिश्चित और खतरे के हालात बढ़ रहे हैं और हमें किसी बड़े खतरे से कार्यक्रम को बचाना होगा।
इस अभियान का मकसद चारो प्रांतो में बच्चों को एंटी पोलियो दवाई मुहैया करना था और इसके आलावा पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान में भी दवाई देना था। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार सरकार ने अभियान मूल्यांकन को स्थगित किया है। इसे लोट क्वालिटी एससुरेन्स सैंपलिंग (एलक्यूएएस) कहा जाता है।
यह विश्व स्वस्थ्य संगठन का पिछड़े क्षेत्रों के आंकड़ों को एकत्रित करने का तरीका है। ईओसी ने एक अन्य पत्र में सभी प्रांतो को कर्मचारियों पर हमलो के बढ़ने का भय जताया है और उन्हें एलक्यूएएस की गतिविधियों को स्थगित करने के आदेश दिए हैं।
पत्र के मुताबिक, इस अभियान के तहत किसी भी क्षेत्र में कोई गतिविधि या दवाई नहीं दी जाएगी। इतने प्रयासों के बावजूद देश इस बीमारी से पूरी तरह से निजात नहीं पा सका है। साल 2019 में छह पोलियो के मामले दर्ज किये गए हैं।वही साल 2018 में 12 मामले और साल 2017 में 8 मामले दर्ज किये गए थे।
साल 2012 से कर्मचारियों पर हमले पर 68 लोगो की मौत हुई है। इस महीने की शुरुआत में पाक-अफगान सीमा के नजदीक अभियान के दौरान बहस के बाद एक व्यक्ति ने पोलियो टीम पर बन्दूक तान दी थी। जनवरी 2014 में तीन कर्मचारियों की मौत हुई थी जबकि साल 2012 में चार महिलाओं सहित पांच लोगो की हत्या की गयी थी।