अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने कहा कि “अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने क्षेत्र में पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के अस्वीकृत समर्थन के खिलाफ सख्त रवैया अख्तियार किया था। राष्ट्रपति ट्रम्प के कार्यकाल में हमने रक्षा सहयोग को नए आयाम पर ले गए हैं। इंडो पैसिफिक पर दृष्टिकोण को एकजुट किया है और पाकिस्तान के आतंकवाद के समर्थन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।”
हाल ही में वांशिगटन ने ऐलान किया था कि वह पाकिस्तानी राजदूतों के लिए कर में रियायत कार्यक्रम को खत्म कर रहे हैं। अमेरिका ने पाकिस्तानी राजदूतों के आवाजाही की भी सीमा तय कर दी है और अब वह बगैर अनुमति के 25 किलोमीटर की परिधि से बाहर नहीं जा सकते हैं।
बीते वर्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सालाना 1.3 अरब डॉलर सुरक्षा सहायता को रद्द कर दिया गया था। अमेरिका ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में कोताही बरतने की आलोचना की थी।
माइक पोम्पिओ ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत-अमेरिका संबंधों पर फोकस किया जा रहा है।अमेरिका और भारत के समक्ष अपनी विशेष साझेदारी के अनूठे अवसर का फायदा उठाने का बेहतरीन मौका है।” दोनों देशों के बीच भी व्यापार मतभेद जारी है।
उन्होंने कहा कि “जब साल 2017 में नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की यात्रा की थी तो राष्ट्रपति ट्रम्प और मोदी गले लगे थे और शुभकामनाएं दी थी। पीएम मोदी ने कहा था कि समृद्ध और सफल अमेरिका भारतीय हितो के हित में हैं। इसी प्रकार भारत का विकास और वैश्विक स्तर पर उभार अमेरिका के हित में हैं।”
28-29 जून को जापान के ओसाका में आयोजित जी 20 सम्मेलन में माइक पोम्पिओ राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ शामिल होंगे। इस समारोह में दोनों देशों के नेताओं के बीच मुलाकात होगी। पोम्पिओ ने कहा कि “भारत के साथ व्यापार मतभेदों को सुलझाने के लिए अमेरिका बातचीत के लिए तैयार है।”
उन्होंने कहा कि “यह बराबरी की साझेदारी है। मेरी आगामी यात्रा में हम जीएसपी के निर्णय पर संभावित चर्चा करेंगे।”