भारत ने मंगलवार को वैश्विक समुदाय के समक्ष दोहराया कि भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर के कई भागों में पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्ज़ा किया हुआ है। इस क्षेत्र की आवाम सेना के अत्याचार से जूझ रही है और अधिकारों से वंचित है। भारत ने पाकिस्तान पर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और बलोचिस्तान, सिंध व खैबर पख्तूनवा के लोगों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।
ANI के मुताबिक यूएनएचआरसी में जवाब देने का अधिकार यानी राइट टू रिप्लाई में भारत ने कहा कि पाकिस्तान अपने द्वेषपूर्ण इरादों को पूरा करने के लिए वैश्विक संस्था के मंच का दुरूपयोग कर रहा है। भारत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण प्रोपोगेंडा के लिए पाकिस्तान द्वारा सुरक्षा परिषद् के इस्तेमाल पर हम खेद प्रकट करते हैं।
#WATCH Mini Kumam, First Secretary, Permanent Mission of India to UN during 40th Session of UNHRC in Geneva: Pakistan's continued support to cross border terrorism is the main challenge to protecting the human rights of our citizens in the Indian State of Jammu and Kashmir. pic.twitter.com/KjORGUBMdf
— ANI (@ANI) March 12, 2019
यूएन में भारत के स्थायी अभियान की पहली स्थायी सेक्रेटरी मिनी कूमम ने कहा कि “पाकिस्तान का भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर में अवैध कब्ज़ा किया हुआ है और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की आवाम निरंतर अत्याचार झेल रही है। इसमें सेना का अत्याचार, हिंसा, आतंकवाद, आर्थिक कट्टरपंथी, भेदभावपूर्ण नीति और आधारभूत अधिकारों को ख़ारिज करना है।
उन्होंने कहा कि “समस्त जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान अपने कर्तव्यों का उललंघन कर यूएन के प्रस्ताव को बर्बाद कर रहा है। पाकिस्तान को पहले अपने नियंत्रण वाली जमीन से आतंकियों को खदेड़ना था। दृढ़ निश्चय का सिद्धांत औपनिवेशिक क्षेत्रों पर लागू होता है और कोई भी सदस्य राज्य क्षेत्रीय अखंडता और सम्प्रभुता को खत्म करने के लिए इसका दुरूपयोग नहीं कर सकता है।”
उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान का सीमा पार आतंकवाद को समर्थन जारी है और यह हमारे राज्य जम्मू कश्मीर की जनता के मानव अधिकार के संरक्षण के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। यूएन द्वारा प्रतिबंधित एक आतंकी समूह को औजार की तरह इस्तेमाल करना पाकिस्तान की सेना व राजनीतिक नेतृत्व की नीति है।”
भारत की राजदूत ने कहा कि “पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दुर्रानी, पूर्व सैन्य प्रमुख और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री परवेज मुशर्रफ ने जम्मू कश्मीर में अस्थिरता की कोशिशों की बात को कबूल किया है। अंतरार्ष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की आक्रमक कृत्यों के बाबत जानकारी है कि वह आतंकियों का पनाहगार है, सैन्य अदालत आम नागरिकों का न्याय करती है, ईशनिंदा कानून के तहत अल्पसंख्यकों का शोषण होता है, अल्पसंख्यकों का जबरन धर्म परिवर्तन और विवाह करवाया जाता है, पाकिस्तान उत्तर पश्चिमी इलाके से लोगों के गायब होने की खबरे हैं और साथ ही वहां मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर हमले किये जातें है।”
उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान का बनावटी कानून, लोकतंत्र और मानवाधिकार अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष गवाह है।” पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री परवेज मुशर्रफ ने बुधवार को दावा किया कि “जैश ए मोहम्मद एक आतंकी संगठन है। उन्होंने संकेत दिया कि उनके कार्यकाल में देश के ख़ुफ़िया विभाग ने भारत पर हमले के लिए जैश का इस्तेमाल किया था।