पाकिस्तान ने सोमवार को संकेत दिया कि पश्चिमी पड़ोसियों को अपने मार्ग के जरिये भारत के साथ कारोबार करने कली अनुमति प्रदान करेगा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के वित्तीय घाटे की योजना को उजागर करते हुए जिओ न्यूज़ से पाकिस्तानी वित्त मंत्री असद उमर ने कहा कि “उनका मुल्क भारत और ईरान सहित सभी देशो के साथ क्षेत्रीय व्यापार का प्रचार करने के इच्छुक है।”
उन्होंने कहा कि “हमें रीजनल कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट को पुनर्जीवित करने की जरुरत है। जो साल 1964 में तुर्की, पाकिस्तान और ईरान के सहयोग के विस्तार के तहत निर्मित हुआ था। ईरान और तुर्की के जरिये पाकिस्तान यूरोप के साथ व्यापार करना चाहता है ,पाकिस्तान के जरिये तुर्की चीन और भारत को पंहुच मुहैया कर सकता है।”
असद उमर ने कहा कि “भारत के साथ कारोबारी संबंधो को पाकिस्तान बढ़ाना चाहता है। उम्मीद है, भारत में लोकसभा चुनावो के बाद दोनों देशों के बीच वार्ता दोबारा शुरू हो पायेगी।”
पाकिस्तान ने मीडियम टर्म इकॉनोमिक फ्रेमवर्क का उद्घाटन किया है जिसकी रिपोर्ट का शीर्षक, ‘रोड मैप टू स्टेबिलिटी, ग्रोथ एंड प्रोडक्टिव एम्प्लॉयमेंट है। यह एक सुधार प्रोजेक्ट है जिसमे पुराने बजट घाटे को मज़बूत किया जायेगा। जिसके वजह से देश गहरे कर्ज के दलदल में डूब गया था।
इस योजना के तहत पाकिस्तान ने उर्जा की कीमतों को रिकवरी लेवल के दाम तक लाने का निर्णय लिया है और आटोमेटिक क्वाटरली टैरिफ एडजस्टमेंट को दोबारा शुरू किया है। इस प्लान का फोकस एक फिस्कल कोआर्डिनेशन बोर्ड का गठन करना भी है जो प्रान्तों के साथ सामंजस्य को सुधारेगा। यह भी आईएमएफ के सुझावों का भाग है।
इस्लामाबाद और आईएमएफ के बीच बातचीत का स्तर अंतिम दौर तक पंहुच चुका है। बैलआउट पैकेज से जुड़े सभी मसलों का समाधान कर दिया गया है। आईएमएफ के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करते ही पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय बांड बाज़ार से अत्यधिक फंड लेने के लिए सक्षम हो जायेगा।
पाकिस्तान में महंगाई का स्तर ने बीते हफ्ते काफी लम्बी उछाल मारी है। साल 2018 में यह चार फीसदी के पार हो गया था। पाकिस्तान ने इंधन, भोजन सामग्री और परिवहन के खर्च में वृद्धि से आम नागरिकों का बजट बिगड़ गया है।