पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने राष्ट्र विरोधी साहित्य रखने और धार्मिक नफरत फैलाने से जुड़े मामले में एक पत्रकार को पांच साल जेल की सजा सुनाई है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, नसरुल्ला खान चौधरी को अफगान जिहाद और पंजाबी तालिबान के बारे में कुछ पत्रिकाओं व पुस्तिकाओं को रखने के आरोप में कराची गार्डेन इलाके में 11 नवंबर, 2018 को गिरफ्तार किया गया था। इन पत्रिकाओं व पुस्तिका में संप्रदाय के आधार पर फूट डालने के साथ-साथ लोगों को ‘जिहाद’ के लिए प्रेरित करने की सामग्री मौजूद थी। चौधरी, पत्रकार हैं, जो उर्दू भाषा के दैनिक ‘नई बात’ से जुड़े हैं।
चौधरी को 1997 के आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धारा 11-एफ (आई) के तहत दंडनीय अपराध करने का दोषी पाया गया है।
न्यायाधीश ने 21 दिसंबर को दोनों पक्षों से साक्ष्य और अंतिम बहस को रिकॉर्ड करने के बाद मामले पर फैसला सुरक्षित रखा था। करांची केंद्रीय जेल के अंदर न्यायिक परिसर में मामले पर सुनवाई हुई।
चौधरी ने आरोपों से इनकार किया है।
इस बीच पाकिस्तान फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट व कराची यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट ने चौधरी की सजा पर गंभीर चिंता जताई है।