पाकिस्तान के मशहूर टीवी पत्रकार हामिद मीर के खिलाफ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अपहरण और हत्या में शामिल होने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। चौंकाने वाली बात है कि यह केस साल 2010 के मामले को लेकर दर्ज किया है।
हामिद मीर पर आरोप लगाया गया है कि साल 2010 में वरिष्ठ अधिकारी के हत्या व अपहरण करने के मामले में उनकी कथित संलिप्तता थी। वहीं इन आरोपों पर मीर ने अपनी सफाई दी है।
मीर ने कहा है कि मीडियाकर्मी होने के नाते मुझे फंसाया जा रहा है। मैं पहले ही इस मामले में बेकसूर साबित हो चुका हूं। गुनहगारों के खिलाफ बोलने की सजा मुझे मिल रही है।
जियो टीवी में आतंकवाद मामलों के विशेषज्ञ और सुरक्षा विश्लेषक हामिद मीर 2014 में अपने ऊपर हुए एक हमले में बाल-बाल बच गए थे, जब बंदूकधारियों ने उन पर 3 गोलियां चलाई थी। मीर को तालिबान सहित कई आतंकवादी संगठनों से धमकियां मिल रही है। हामिद मीर को पाकिस्तानी मीडिया का प्रमुख चेहरा माना जाता है।
ये है पूरा मामला
2010 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के जासूस खालिद ख्वाजा को थल सेना के पूर्व कर्नल इमाम, ब्रिटिश पत्रकार असद कुरैशी और चालक रुस्तम खान के साथ आतंकवादियों ने दक्षिण वजीरिस्तान में अगवा कर लिया गया था।
आतंकवादियों ने ख्वाजा और इमाम की हत्या कर दी थी और कुरैशी के साथ खान को जिंदा छोड़ दिया था। इस घटना के बाद ख्वाजा के परिवार ने हामिद मीर पर अपहरण का आरोप लगाया था।
जिस पर इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते केस दर्ज करने का आदेश दिया था। जिसके बाद मीर के खिलाफ शनिवार को यह केस दर्ज किया गया। हामिद मीर की गिरफ्तारी के बाद से ही मीडिया जगत में हलचल मच गई है। खासकर पाकिस्तानी मीडिया इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहा है।