अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हम्दुल्लाह मोह्बिब ने तालिबान को पाकिस्तान और उसके ख़ुफ़िया विभाग का आईएसआई का एजेंट करार दिया है। उन्होंने कहा कि “किसी पिछड़े देश की प्रॉक्सी की हुकूमत को हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे जो अपने देश की जनता को भी तरसा रही है।”
पाक की हुकूमत स्वीकार नहीं
विदेशी संबंधों की बैठक में मोह्बिब ने कहा कि “तालिबान पाकिस्तान के प्रॉक्सी है, न सिर्फ पाकिस्तान के बल्कि उसके ख़ुफ़िया विभाग का भी है। अफगानिस्तान कभी पाकिस्तान की हुकूमत को स्वीकार नहीं करेगा। अगर हमने सुपरपावर के तौर पर सोवियत के शासन को स्वीकार नहीं किया तो किसी पिछड़े मुल्क की की हुकूमत को स्वीकार करना कल्पना से परे हैं जो अपने देश के अवाम को सुकून नहीं दे सकता है।”
उन्होंने कहा कि “अफगानिस्तान ने सोवियत के शासन को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था जो तालिबान से कई गुना बेहतर था। कम से कम सोवियत हुकूमत में निकाह भवनों को तबाह तो नहीं किया जा सकता था। अफगानियो ने कभी किसी भी तरीके की थोपी गयी विचारधारा और हुकूमत को स्वीकार नहीं किया है।”
उन्होंने कहा कि “सोवियत हमे अपने तरीके से जीवन जीने को स्वीकार करने के लिए मजबूर करता। वह तालिबान से काफी बेहतर थे, कम से कम हमारे निकाह भवनों को तबाह तो नहीं कर रहे थे। वे हमारे देश में संरचनाओं का निर्माण करते लकिन अफगानियो ने किसी भी तरीके की हुकूमत या विचारधारा को अपनाने से इनकार कर दिया था।”
तालिबान और अमेरिका के बीच शान्ति वार्ता को रद्द कर दिया गया है और इसकी वजह काबुल में किया आतंकवादी हमला है। हाल ही पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने कबूल किया था कि उनकी देश की सेना और आईएसआई ने अफगानिस्तान में अल कायदा और अन्य समूहों को प्रशिक्षण दिया है।