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    तालिबानMembers of a Taliban delegation, led by chief negotiator Mullah Abdul Ghani Baradar (C, front), leave after peace talks with Afghan senior politicians in Moscow, Russia May 30, 2019. REUTERS/Evgenia Novozhenina

    पाकिस्तान और तालिबान ने गुरूवार को अमेरिका से अफगानिस्तान शान्ति वार्ता को जल्द से जल्द बहाल करने का आग्रह किया है ताकि अफगानिस्तान में सबसे लम्बे अरसे के संघर्ष को खत्म किया जा सके। तालिबान राजनीतिक परिषद् की अध्यक्षता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर कर रहे हैं और वह बुधवार को इस्लामाबाद पंहुचे थे।

    तालिबानी प्रतिनिधियों के इस्लामाबाद पंहुचने के बाद ही अमेरिका के विशेष राजदूत ज़लमय खलीलजाद के प्रतिनिधित्व में एक टीम पाकिस्तान पंहुची थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों टीम कुछ समय तक पाकिस्तान में ही मौजूद थी। गुरूवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ने तालिबान के 11 सदस्यीय टीम से मुलाकात की थी।

    इस बैठक में आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद , विदेश सचिव सोहेल महमूद और विदेश मंत्रालय के अन्य अधिकारी मौजूद थे। क़तर में टीपीसी की स्थापना के बाद तालिबानी प्रतिनिधियों की यह पाकिस्तान की पहली यात्रा है।

    बयान में कहा कि “दोनों पक्षों ने जल्द शान्ति प्रक्रिया को बहाल करने पर रजामंदी जाहिर की है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने इस मामले में संदर्भ में पाकिस्तान की प्रतिबद्धता और सभी प्रयासों का समर्थन करना दोहराया है। शान्ति प्रक्रिया के माहौल को बनाने के लिए सभी पक्षों की तरफ से हिंसक गतिविधियों को कम करना जरुरी है।”

    अमेरिकी और तालिबान टीम दोनों का मकसद पाकिस्तानी अधिकारियो से मुलाकात करना था। किसी भी पक्ष ने इस्लामाबाद में वार्ता के आयोजन को खारिज नहीं किया है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाइन ने कहा कि “वह अमेरिका के प्रतिनिधियों के सतह प्रत्यक्ष बातचीत को नकार नहीं सकते हैं। तालिबान के प्रतिनिधि 6 अक्टूबर तक इस्लामाबाद में ही रहेंगे।”

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका-तालिबान की वार्ता को बीते महीने के अंत में रद्द कर दिया था। इस दौरान दोनों पक्ष शान्ति समझौते पर दस्तखत करने के काफी करीब थे। खलीलजाद इस सप्ताह इस्लामाबाद में पाकिस्तानी अधिकारियो के साथ परामर्श करेगा। अमेरिका के साथ वार्ता के आलावा तालिबान ने सीधे अफगानिस्तान की सरकार के साथ बातचीत को ख़ारिज किया है।

    अमेरिका की विगत यात्रा के दौरान प्रधानमन्त्री इमरान खान ने राष्ट्रपति ट्रम्प और खलीलजाद से तालिबान के साथ वार्ता को बहाल करने के लिए बैठक का आयोजन करने का आग्रह किया था।

    अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के प्रवक्ता सादिक सिद्दकी ने कहा कि “अफगानी सरकार को किसी भी शान्ति प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए। अगर शान्ति प्रक्रिया अफगानी सरकार के नियंत्रण और स्वामित्व में हुई तो प्रगति नहीं मिल सकती है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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