पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को कहा कि “पाकिस्तान पश्चिमी तरफ से अफगानिस्तान और पूर्वी तरफ से भारत की और से चुनौतीपूर्ण हालातों का सामना कर रहा है।” इस्लामाबाद में आयोजित बिज़नेस सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि “पीटीआई सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता पाकिस्तान को आर्थिक तंगी से उभारना है।”
एक्सप्रेस न्यूज़ के मुताबिक शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि “मुल्क पूर्वी और पश्चिमी तरफ से चुनौतीपूर्ण हालातों का सामना कर रहा है। आप पुलवामा के बाद के हालातों को देख सकते हैं कि बीते कुछ दिनों में क्या हुआ है। भारत और अफगानिस्तान दोनों पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही पाकिस्तानी सरजमीं पर पनाह लिए आतंकियों से सीमा पार आतंकवाद को अंजाम देने के इल्जाम लगा रहे हैं।”
भारत के साथ संबंधों पर विदेश मंत्री ने कहा कि “सत्ता पर आसीन होने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत की तरह दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान दो कदम बढ़ाएगा अगर भारत एक कदम बढ़ाता है। पाकिस्तान बातचीत के जरिये भारत के साथ सभी मसलों का समाधान करना चाहता हैं।”
विदेश मंत्री ने कहा कि “पीटीआई सरकार की आर्थिक टीम ने छह माह के कार्यकाल में देश को आर्थिक संकट से उभारने के लिए काफी प्रयास किये हैं। सरकार देश में निवेश के अवसरों के सृजन के लिए कई कदम उठा रही है। जब प्रधानमंत्री इमरान खान छह माह पहले सत्ता पर आये थे तो उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था इसमें भ्रष्टाचार और सामाजिक-आर्थिक दिक्कते थी जिन्हे सही करना जरुरी था।”
उन्होंने कहा कि “सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट है। सरकार अपनी प्राथमिकताओं के बाबत बहुत स्पष्ट है। हमारे पास स्विस पासपोर्ट और कनाडा के बैंक अकाउंट नहीं है।”
कारोबार के अवसरों के बाबत उन्होंने कहा कि “सरकार पाकिस्तान को इस क्षेत्र में कारोबार और निवेश का हब बनाने की योजना बना रही है। सरकार का ध्यान आर्थिक कूटनीति और द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि पर है। हम ईरान, चीन और अन्य क्षेत्रीय देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ा रहे हैं।”