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    हाफिज सईद पाकिस्तान

    भारत के संप्रभुता पर किए गए हमलों में से एक समझे जानेवाले मुंबई 26/11 के हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद अब पाकिस्तान की चुनावी रंजिश में अपने हाथ आजमाने के लिए तैयार हैं।

    पाकिस्तान में अगले महीने जुलाई में हो रहे नेशनल और प्रोवेंनशिअल असेंबली के लिए चुनाव हो रहे हैं, इस चुनाव में हाफिज सईद की पार्टी जमात-उद-दवा ने 200 से ज्यादा उम्मीदवारों को टिकट देने का ऐलान किया हैं। लेकिन इस चुनाव में रोचक रूप से आतंकी सरगना हाफिज सईद चुनाव नहीं लड़ रहा हैं।

    आपको बतादे, जमात-उद-दवा, आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा से जुड़ा हुआ गुट हैं। भारत की आर्थिक राजधानी माने जानेवाली मुंबई पर किए गए 26/11 के अटैक को अंजाम हाफिज सईद की जमात-उद-दवा के आतंकवादीयों ने ही दिया था। हाफिज सईद ने अपनी राजनितिक पार्टी मिनि मुस्लीम लिग कि घोषणा कि थी, लेकिन इस पार्टी को पाकिस्तान चुनाव आयोग में दर्ज नहीं कराया गया हैं।

    पाकिस्तान आम चुनाव में जमात-उद-दवा, निष्क्रिय हो चुकी पार्टी अल्लाह-ऊ-अकबर तहरीक से चुनाव लड़ेगी। अल्लाह-ऊ-अकबर तहरीक, एक रजिस्टर्ड पार्टी हैं। हाफिज सईद के समर्थकों ने पाकिस्तान चुनाव आयोग में अल्लाह-ऊ-अकबर तहरीक के तरफ से पर्चा भरा हैं।

    जमात-उद-दवा का राजनिक चेहरा कहलाए जानेवाले मिनि मुस्लिम लीग के प्रवक्ता अहमद नदीम ने कहा हैं, “एमएमएल प्रेसिडेंट सैफुल्लाह खालिद और एएटी के प्रेसिडेंट एहसान बारी एक साथ चुनाव लड़ने पर सहमत हुए हैं। दोनों के बीच हुए सीट एडजस्टमेंट अग्रीमेंट के मुताबिक एमएमएल 200 से ज्यादा जगहों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। एमएमएल के उम्मीदवार अल्लाह-ऊ-अकबर तहरीक के चुनावी चिन्ह खुर्ची पर चुनाव लड़ेंगे।”

    आतंकी सरगना हाफिज सईद के चुनाव लड़ने पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए पर्वक्ता ने कहा, “नहीं।।।हाफिज सईद(इस बार) चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनकी पार्टी एमएमएल पहली बार चुनाव में हिस्सा ले रहीं हैं। उम्मीद हैं की पार्टी के उम्मीदवार पार्लियामेंट तक पहुँच जाए।”

    पाकिस्तान के आतंरिक सूत्रों के अनुसार, “हाफिज सईद की पार्टी एमएमएल की पाकिस्तान चुनाव आयोग में रजिस्टर किए जाने की उम्मीद नहीं हैं। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों और चुनावी चिन्हों की घोषणा की हैं। इसलिए निष्क्रिय पार्टी से चुनाव लड़ने के सिवाय हाफिज सईद के पार्टी पास कोई और चारा नहीं हैं।”

    पाकिस्तानी गृह मंत्रालय के अनुसार, हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा पर युएन रेसोल्यूशन के अंतर्गत पाकिस्तान में प्रतिबंध लगा दिया गया हैं और एमएमएल के जमात-उद-दवा से जुड़े होने के कारन उसे राजनितिक दल के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती।

    अमेरिकी सरकार द्वारा जमात-उद-दवा को आतंकी संगठन घोषित किया जा चूका और सरगना हाफिज सईद पर 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर्स का ईनाम भी रखा गया हैं, लेकिन इस के बावजूद भी हाफिज सईद के समर्थक पाकिस्तान में चुनाव लड़ेंगे, अगर इनमें से कोई पाकिस्तानी नेशनल असेंबली जा पहुंचा तो क्या होगा, यह टो आनेवाला समय ही बताएगा।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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