भारत और रूस साझा होकर ब्रह्मोस राकेट प्रणाली का विकास कर रहे है। पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक चीन की सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस से बेहतर है। चीन की एचडी-1 सुपरसोनिक मिसाइल का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोई प्रतिद्वंदी मौजूद नहीं है।
मिसाइल निर्माता कंपनी ने बताया कि एचडी-1 व्यापक हथियार प्रणाली है. इसमें मिसाइल लांच, कण्ट्रोल, लक्ष्य भेदना और व्यापक सहयोगी उपकरण मौजूद है। एचडी-1 मिसाइल का इस हफ्ते की शुरुआत में परिक्षण किया गया था।
सैन्य विशेषज्ञ वेइ डोंग्सु ने बताया कि एचडी-1 को अपने प्रतिद्वंदियों के मुकाबले काम ईंधन की आवश्यकता होती है। हलके भार के होने के यह मिसाइल तेज़ रफ़्तार से और दूर तक जा सकती है।
निर्माता कंपनी ने बताया की सरकार की रज़ामंदी के बाद ही इस मिसाइल को निर्यात किया जायेगा। उन्होंने कहा पाकिस्तान सहित मध्य पूर्वी देश इस रक्षा प्रणाली को खरीदने के लिए के लिए उत्सुक दिख रहे हैं।
विशेषज्ञ वेई डोंगसु ने बताया कि चीनी मिसाइल के मुकाबले भारत और रूस द्वारा बनाई जा रही ब्रह्मोस मिसाइल मंहगी और कम सुपरसोनिक रफ़्तार की है। हालाँकि चीनी मिसाइल की रेंज का खुलासा नहीं किया है। ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज 300 किलोमीटर है।
चीन के विवादित दक्षिणी चीनी सागर में बढ़ती दखलंदाज़ी के कारण वियतनाम सहित कई देश ब्रह्मोस प्रणाली को खरीदने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
चीनी निर्माता कंपनी ने एचडी-1 उन मानकों को उजागर नहीं किया जिसके कारण ब्रह्मोस को कमतर आंका जा रहा है। भारत और रूस की नीति के मुताबिक ब्रह्मोस को केवल साझेदार देशों को ही बेचा जायेगा।
सिंगापुर में ब्रह्मोस के प्रवक्ता ने कहा था कि इस मारक मिसाइल को केवल कुछ ही देशों को दिया जायेगा। उन्होंने कहा था कि कंपनी केवल भारत और रूस के साझेदार जिम्मेदार राष्ट्रों के साथ ही इस रक्षा प्रणाली का सौदा करेगी।