पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर पर अपने दोहरे चरित्र को उजागर किया है। एक तरफ भारत के कश्मीरियों पर उत्पीड़न के खिलाफ लंदन ने भाषण दिया जाता है, वही दूसरी ओर पाक अधिकृत कश्मीर की आवाम पर पाक आर्मी अत्याचार की सभी हदे पर करती दिख रही है। पीओके और गिलगिट बाल्टिस्तान के कई भागों में जमकर प्रदर्शन हो रहा है।
गिलगिट बाल्टिस्तान से एक उभरता हुआ राजनीतिक कार्यकर्ता बाबा जन इसका प्रतिनिधित्व कर रहा है। वह आठ साल से भी अधिक समय तक कारावास में है और हालात खराब होने के बावजूद उन्हें इलाज देने से इनकार कर दिया था। गिलगिट की हुनज़ घाटी में उ के समर्थकों, परिवारजनों और दोस्तों ने तत्काल रिहाई और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करने की मांग की है।
एक प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि मेरी उनसे कल मुलाकात हुई थी और वह असहनीय दर्द से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाबा जन को पेनकिलर दी रही है। गिलगिट बाल्टिस्तान में एंजियोग्राफी के इलाज की सुविधा नहीं है,इसलिए उन्हें इस्लामाबाद या किसी अन्य शहर में बेहतर इलाज के लिए ले जाया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस्लामाबाद के कठपुतली बने यहाँ के अधिकारियों ने इस क्षेत्र के लिए कुछ नही किया है। बाबा जन ने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ आवाज़ उठाई थी जो जनता की मर्जी के खिलाफ, इस्लामाबाद के खजाने को भरने के लिए कार्य करते हैं। बाबा जन के एकमात्र पत्र ने इस क्षेत्र नेताओं, एनजीओ, सरकारी विभागों कर स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोल दी थी। इए क्षेत्र की जनसंख्या 25 लाख है लेकिन एक भी विभाग यहां स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करने के पक्ष में नहीं है।
पाकिस्तान ने हाल ही में लंदन में 5 फरवरी को कश्मीरी सॉलिडेरिटी दिवस के रूप में मनाया था। कश्मीरी जनता के खिलाफ भारत के अत्याचारों को लंदन के एक सम्मेलन में उठाया था। एक प्रदर्शन कारी ने बताया कि पीओके अभी भी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। पाकिस्तानी प्रोटोकॉल में अब सब अपराधी और आतंकी हैं। जो जनता के लिए संघर्ष करता है, जो हमारे लिए आवाज़ उठाता है और जो हाशिये पर रह रहे लोगों के लिए लड़ता है, उसके साथ बदसलूकी की जाती है।