आपको बता दें भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हाल हीं में विदेश मंत्रालय संबंधित संसद की सलाहकार समिति की एक बैठक के दौरान कहा कि जब तक हमारे पड़ोसी देश (पकिस्तान) के साथ सभी प्रकार के संबंध नहीं सुधरेंगे तब तक उसके साथ क्रिकेट द्विपक्षीय श्रृंखला का होना सम्भव नहीं है। दरअसल, बैठक के दौरान जब उनसे प्रश्न किया गया भारत-पाक क्रिकेट श्रृंखला को किसी अन्य स्थल पर आयोजित करने का तो उन्होंने सीधे तौर अपनी बात स्पष्ट की और ऐसी सभी संभावनाओं से इंकार कर दिया।
आपको बता दें इससे पहले आईपीएल चेयरमैन और सांसद राजीव शुक्ला ने भी बोला है कि “किसी भी देश के साथ खेल के संबंध तभी स्थापित हो सकते है जब उन दोनों देशों के मध्य सभी प्रकार के संबंध कुशल हो, हां अगर उन दोनों में अधिक मित्रता न हो तो बैर भी न हो और इस समय पाकिस्तान के साथ ऐसे संबंध नहीं है कि हम उनके साथ क्रिकेट की श्रृंखला का आयोजन कर सके या फिर साफ़ शब्दों में कहें तो भय और असुरक्षा के वातावरण में खेल नहीं खेला जा सकता है”।
गौरतलब है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड़ (पीसीबी) के अध्यक्ष नजम सेठी ने भी माना है कि विश्व की सभी टीमें भारत के साथ क्रिकेट खेलना चाहती है जिससे वह अधिकतम राजस्व अर्जित कर सकें और इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड़ दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड है जिसके साथ खेलने में प्रत्येक टीम को फायदा मिलता है।
भारत ने पकिस्तान के साथ 2012 के बाद से कोई द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेली है, जिसको लेकर पकिस्तान क्रिकेट बोर्ड़ आईसीसी में बीसीसीआई के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करा चुका है। नजम सेठी का कहना है कि ‘‘पाकिस्तान और भारत के मैच से बड़ा कोई मैच नहीं है, हम (बीसीसीआई) उनसे सिर्फ अनुबंध संबंधी दायित्व को पूरा करने की मांग कर रहे है और अगर वे ऐसा नहीं कर सकते है तो उन्हें करार पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए था’’।