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    दाऊद इब्राहिम

    लंदन, 2 जुलाई (आईएएनएस)| लंदन में पाकिस्तानी राजनयिक डी-कंपनी के विश्वस्त सहयोगी जाबिर मोतीवाला के अमेरिका में प्रत्यर्पण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

    अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की प्रत्यर्पण याचिका पर वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में सोमवार को सुनवाई करते हुए, पाकिस्तानी राजनयिकों द्वारा समर्थित डी-कंपनी के बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि मोतीवाला बहुत अवसादग्रस्त है और उसे धन शोधन, मादक पदार्थ तस्करी अंडरवल्र्ड अपराध के आरोपों का सामना करने के लिए अमेरिका नहीं भेजा सकता।

    दाऊद इब्राहिम के विश्वसनीय सहयोगियों में से एक मोतीवाला को अगस्त 2018 में लंदन में एफबीआई से सूचना मिलने के बाद धन शोधन और मादक पदार्थ तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

    भारतीय एजेंसियों के करीबी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग ने पहले अदालत में आरोपी के वकील की ओर से एक पत्र प्रस्तुत करके प्रत्यर्पण की कोशिश को यह कहते हुए विफल करने की कोशिश की थी कि मोतीवाला ” पाकिस्तान में एक मशहूर और सम्मानित व्यवसायी है।”

    वास्तव में, पाकिस्तान को डर है कि एक बार मोतीवाला के अमेरिका में प्रत्यर्पित हो जाने के बाद डी-कंपनी का करीबी सहयोगी दाऊद इब्राहिम के अंडरवल्र्ड नेटवर्क (कराची से संचालित) और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के साथ डॉन के कनेक्शन के सांठगांठ का खुलासा कर सकता है।

    अमेरिका पहले ही दाऊद इब्राहिम को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कर चुका है जो एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट चला रहा है।

    सूत्रों ने कहा कि दाऊद का प्रमुख वित्त सहयोगी मोतीवाला लंदन में मजिस्ट्रेट की अदालतों में स्कॉटलैंड यार्ड की प्रत्यर्पण इकाई द्वारा धन शोधन और डी-कंपनी की ओर से अर्जित मादक पदार्थो की आय साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

    सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील जॉन हार्डी ने अदालत को बताया कि मोतीवाला बड़े पैमाने पर यात्रा करता और अपने बॉस दाऊद इब्राहिम के लिए (अंडरवल्र्ड अपराधों से संबंधित) मीटिंग करता है, जो (दाऊद) भारतीय है अपने भाई अनीस के साथ आपराधिक काम करता है और भारत में आतंकी अपराधों को अंजाम देने के मामले में वांछित है।

    सूत्रों ने कहा कि बचाव पक्ष के वकील ने अदालत को बताया कि मोतीवाला अवसाद से पीड़ित है और उसने पिछले कुछ वर्षो में कई बार आत्महत्या के प्रयास किए हैं। वकील ने दलील दी कि ऐसी स्थिति में उसे मुकदमे का सामना करने के लिए अमेरिका में प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता।

    सूत्रों ने कहा कि रक्षा वकील के दावे के विपरीत, मोतीवाला डी-कंपनी के काले धन को विदेशों में विभिन्न परियोजनाओं में निवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह ड्रग तस्करी में शामिल है और यूरोप में डी-कंपनी की ओर से पैसा इकट्ठा करने के लिए भी यात्रा करता है।

    सूत्रों के मुताबिक, मोतीवाला का अमेरिका में प्रत्यर्पण, दाऊद के साथ-साथ पाकिस्तान में उसके संरक्षकों के लिए एक बड़ा झटका होगा।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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