अंतररष्ट्रीय न्यायिक अदालत ने पाकिस्तान से जाधव की मौत की सजा पर पुनर्विचार और समीक्षा करने का आदेश दिया है। पाकिस्तानी सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि “पाकिस्तान एक तीसरे देश की कूटनीतिक सहायता लेकर जाधव को भारत वापस भेजने की योजना बना रहा है लेकिन इसके बदलने में नई दिल्ली को उसके जासूस होने की बात कबूल करनी होगी।”
पाक का बेतुका प्रस्ताव
इस्लामाबाद में पाकिस्तानी अधिकारी ने फर्स्टपोस्ट को बताया कि “उसे जेल की बजाये इंटर सर्विस इंटेलिजेंस की रावलपिंडी में स्थित केंद्र में रखा गया है और वह मौत का इन्तजार कर रहा है। यह प्रस्ताव भारत-पाक वार्ता को व्यापक करेगा। सेना समझती है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भारत के साथ एक और सैन्य संकट का जोखिम उठाने की हालत में नहीं है। वे बातचीत को एक नया विकल्प ढूँढने का जरिया मानते हैं।”
अंतररष्ट्रीय न्यायिक अदालत मे पेश किये गए दस्तावेज के मुताबिक, पाकिस्तान ने जाधव को 30 अक्टूबर 2017 को एक पत्रकार एक पत्र में अपराधिक घोषित किया था और इसका बाद ही भारत इस निर्णय के खिलाफ वैश्विक अदालत की तरफ चला गया था। पाकिस्तान की सरकार जाधव के प्रत्यर्पण की भारत सरकार के आग्रह पर विचार के लिए तैयार हिया बशर्ते कमांडर जाधव को भारतीय कानून के तहत अपराधी मानना होगा।”
जाधव की भारत वापसी के प्रस्ताव पर इस्लामाबाद तैयार है अगर नई दिल्ली पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद को अंजाम देने और जाधव को अपराधिक कानूनी प्रक्रिया के तहत द्दोशी ठहराने को तैयार हो।” भारत ने इस्लामाबाद के इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।
कुलभूषण जाधव का पेचीदा मामला
इस्लामाबाब ने जाधव के नाम से पहली प्राथमिकी रिपोर्ट सितम्बर 2017 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, पूर्व नौसैन्य प्रमुख सुरेश मेहता और रॉ के प्रमुख अलोक जोशी को भेजी थी। पत्र में 11 दिसम्बर 2017 की तारीख थी, भारत ने पाकिस्तान के प्रत्यर्पण प्रस्ताव को प्रोपोगेन्डा करार दिया था। भारत के मुताबिक, जाधव को अपराध का दोषी ठहराने का कोई कारण नहीं है।
सरकार ने मामले से सम्बंधित मसलो पर चर्चा करने से इंकार कर दिया था और कहा कि “जब तक इस्लामाबाद राजनयिक पंहुच नहीं देता और अधिकारी की सुनवाई से सम्बंधित दस्तावेज मुहैया नहीं करते, इसे करने का कोई कारण नहीं है।”
इस्लामाबाद का प्रत्यर्पण प्रस्ताव इंटर सर्विस इंटेलिजेंस के अधिकारी लेफ्टिनेंट मुहम्मद हबीब ज़ाहिर के अचानक नेपाल के लुम्बिनी से अप्रैल में गायब होने के बाद आया था। पाकिस्तान को शक है कि ज़ाहिर को भारतीय ख़ुफ़िया विभाग ने ही अगवा किया है।
जाधव के मामले को बाहर से पाकिस्तानी सेना ही संभाल रही है। दिसम्बर 2016 में अजित डोभाल और पाक समकक्षी लेफ्टिनेंट नसीर खान जंजुआ ने बैंकोक के होटल में सामान्य चर्चा के लिए मुलाकात की थी। इस बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने लाहौर की औचक यात्रा की थी और शरीफ की पोती की शादी में शरीक हुए थे।
साल 2018 के शुरू में जैश ए मोहम्मद ने पठानकोट में भारतीय एयर बेस पर हमला किया था। शरीफ को इस हमले में जैश के हाथ होने की खबर थी और उन्होंने अधिकारीयों को भारत की यात्रा कर सबूत एकत्रित करने के आदेश दिए थे। जैश को सजा देने के शरीफ के प्रयासों के कारण उनकी सेनाध्यक्ष जावेद कमर बाजवा से बिगड़ गयी थी।