भारत ने पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में कश्मीर मुद्दे को उठाने पर आलोचना की है। भारत ने कहा कि अपनी घटिया राजनीतिक हसरतों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल करता हैं।
पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने कहा था कि कश्मीर के नागरिकों के अस्तित्व के अधिकार की लड़ाई को दशकों से दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि जब तक कश्मीरी नागरिकों को उनका अधिकार नहीं मिला जाता तब तक कश्मीर पाकिस्तान के मुख्य एजेंडे में रहेगा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के सचिव पौलमी त्रिपाठी ने कहा कि भारत के अंग जम्मू कश्मीर पर किसी एक प्रतिनिधि के आरोपों को नई दिल्ली खारिज करती है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए करता है। उन्होंने कहा कि असल में कश्मीरी भारत के नागरिक है और आतंकवाद कारण मानवाधिकार के उल्लंघन से जूझ रहे हैं जो सीमा पार से पडोसी मुल्क भेजता है।
भारत में किसी राज्य के स्वतंत्रता के अधिकार को छिना नहीं गया है। उन्होंने कहा कि दशको से भारत में नागरिकों को स्वतंत्रता का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन में लोगों को स्वतन्त्रता का अधिकार नहीं है और भारत फिलिस्तिन के नागरिकों के प्रति प्रतिबद्ध है। भारत फिलिस्तिन के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देगा साथ ही फिलिस्तीन के शरणार्थियों की मदद के लिए यूएन और अन्य सहायता संस्थाओं की मदद करेगा।
रंगभेद पर भारत की सचिव ने कहा कि भारत रंगभेद नीति और इससे जुड़ी बर्बरता के सख्त खिलाफ है। उन्होंने कहा कि रंग समानता और अभिव्यक्ति का अधिकार कभी समाप्त नहीं होना होना चाहिए। सोशल मीडिया और समाज को रंग समानता के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।
भारतीय सचिव ने कहा कि रंगभेद की नीति को समाप्त करने के लिए राज्यों के नियम और अन्तराष्ट्रीय सहयोग की बहुत जररत है। उन्होंने डिजिटल उपकरणों के माध्यम से रंगभेद को बढ़ावा देने पर चिंता व्यक्त की थी।