पाकिस्तान की मीडिया के अनुसार प्रधानमंत्री इमरान खान ने वित्त मंत्रालय को आदेश दिया है कि पिछले 10 वर्षों इस्लामाबाद पर बढे कर्ज का आंकलन करे। उन्होंने कहा दस वर्षों में पांच गुना कर्ज कैसे बढ़ गया।
कैबिनेट की बैठक में पीएम इमरान खान ने कहा कि हमारा पैसा कहा गया और किस प्रोजेक्ट में लगाया गया इसकी समीक्षा की जाए। हमारी सरकार अभी सत्ता में आयी है और हमें पूर्ववर्ती सरकार के कर्ज को चुकता करने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। हमें जानने का हक़ है कि कर्ज कहा गया और किस परियोजना में कर्ज का निवेश किया गया था।
सितम्बर में पाकिस्तान की रिज़र्व विदेशी मुद्रा में 8.4 बिलियन डॉलर गिरावट हुई थी जो हालिया कर्ज का भुगतान करने के लिए पर्याप्त थी। इमरान खान की सरकार ने पूर्व प्रशासन पर बढ़ते आर्थिक कर्ज का ठीकरा फोड़ा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्रालय को आदेश दिया कि पिछले दस सालों में पांच गुना बढे कर्ज की समीक्षा की जाए। आखिर कैसे कर्ज 6000 बिलियन डॉलर से 30000 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि यह आंकलन हमारी सरकार के लिए भी महत्वपूर्ण है ताकि कर्ज में डूबे होने के बावजूद देश और कर्ज लेने से पूर्व दो बार सोचे। इस आंकलन से पाकिस्तान के आर्थिक विकास के लिए गये कर्ज की वापसी के विषय में सोचा जा सकेगा।
इमरान खान ने वित्त मंत्री को अगली कैबिनेट बैठक में समीक्षा की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने गुरूवार को आईएमएफ की निदेशक से मुलाकात कर बैलआउट पैकेज के विषय में बातचीत की थी। आईएमएफ की निदेशक ने बताया की पाकिस्तान ने आर्थिक चुनौतियों का हवाला देकर बैलआउट पैकेज की मदद मांगी थी। उन्होंने कहा आईएमएफ की टीम आर्थिक सहयोग की बातचीत के लिए आगामी हफ़्तों में इस्लामाबाद का दौरा करेगी।
अमेरिका ने कहा था कि बैलआउट पैकेज देने से पूर्व पाकिस्तान के कर्ज की समीक्षा की जाएगी। चीनी कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान को कोई आर्थिक मदद मुहैया नहीं की जाएगी।