पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर में स्थित कबाइली इलाकों में केंद्रीय सत्ता के खिलाफ लोगों में पाए जाने वाले आक्रोश को प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक अलग रूप में पेश किया है। उनका कहना है कि इस क्षेत्र की अशांति के पीछे ‘बाहरी तत्वों’ का हाथ है। पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर में स्थित यह कबाइली जिले पहले संघशासित कबाइली क्षेत्र (फाटा) का हिस्सा थे।
बाद में इनका विलय खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कर दिया गया। सिंध के सिंधी राष्ट्रवादियों व बलोचिस्तान के बलोच समुदाय की तरह ही खैबर पख्तूनख्वा में पश्तून समुदाय के लोग संघीय सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं। समुदाय का आरोप रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के नाम पर इसके मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया जाता है और जबरन अपहरण और न्यायेत्तर हत्याएं होती रहती हैं।
लेकिन, पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि इस इलाके में जो भी अशांति है, उसके पीछे बाहरी तत्वों का हाथ है। उन्होंने कहा कि ‘पूर्व के फाटा इलाकों में कुछ बाहरी तत्वों द्वारा अशांति फैलाने की कोशिशों से सरकार पूरी तरह वाकिफ है और वह स्थानीय लोगों के सहयोग से इन तत्वों की साजिशों को शिकस्त दे देगी।’
इमरान ने यह बात खैबर पख्तूनख्वा और विशेषकर इसके पूर्व के फाटा इलाकों की विकास परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान एक बैठक में कही। उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों की साजिश को नाकाम बनाने के लिए यह जरूरी है कि इलाके के लोगों को बताया जाए कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं और किन-किन विकास परियोजनाओं पर काम हो रहा है।