क्रिकेट में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के नए नियम के जुड़ने से कप्तानो को समझ नही आता कि कब डीआरएस लिया जाए और कब नही, जबकि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी डीआरएस लेने में माहिर रह चुके है, लेकिन कई और खिलाड़ी इसमे सफल नही हो पाए है, और उन खिलाड़ियो में से पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद भी एक है, उन्होने एक बार फिर यह साबित किया है की डीआरएस लेने में वह समक्ष नही है।
न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में, सरफराज अहमद एक बार फिर डीआरएस लेने के असमंजस मे फंस गए,और बहुत देर बाद डीआरएस लिया और उसके बाद भी उन्होने अपनी टीम का डीआरएस बर्बाद कर दिया। धोनी इस समय अपने बल्ले से रन नही बना पा रहे है लेकिन, रांची के विकटकीपर बल्लेबाज डीआरएस लेने में कभी फेल नही होते।
यह बात टेस्ट मैच के पांचवे दिन की है जब हसन अली हसन अली गेंद करा रहे थे और न्यूजीलैंड के कप्तान बल्लेबाजी कर रहे थे, उस वक्त न्यूजीलैंड की टीम के ऊपर 47 रन की लीड थी। हसन ने जब विलियमसन के पेड पर गेंद मारी तो उन्होने अपील की लेकिन वह अंपायर को नही मना सके, उसके बाद हसन अली ने सरफराज अहमद से पूछा कि डीआरएस लेना चाहिए कि नही, और बहुत देर की बातचीत के बाद सरफराज अहमद ने रिव्यू लिया और आसानी से उसे गंवा दिया।
इसके चलते पाकिस्तान मैच भी हारी और सीरीज भी, औऱ विलियमसन की कप्तानी में न्यूजीलैंड ने 49 सालो बाद एशिया में टेस्ट सीरीज जीती। इस सीरीज में पाकिस्तान के गेंदबाज यासिर शाह को मैन ऑफ दा सीरीज चुना गया, और वह इस सीरीज के दौरान टेस्ट मैचो में सबसे तेज 200 टेस्ट विकट लेने वाले भी खिलाड़ी बन गए है।
यह न्यूजीलैंड के 10 सालो मे एशिया मे पहली टेस्ट सीरीज की जीत है। जिसमे पहले टेस्ट मैच में जीते के हीरो एजाज पटेल थे, तो वही सोमरविल्ले ने इस मैच में 7 विकेट चटका कर टीम को जीत दिलाई।