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    पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के मापदंडों को पूरा करने के लिए दुनिया के देशों के साथ सूचना और अपराधियों के आदान-प्रदान से जुड़ा महत्वपूर्ण विधेयक पारित कर दिया है। डॉन न्यूज के अनुसार, सोमवार को प्रारंभ में विपक्षी दलों ने स्पीकर असद कैसर द्वारा एक ध्वनि मत पर दिए गए उस आदेश को चुनौती देकर विधेयक को बाधित करने की कोशिश की, जिसमें उन्होंने संसदीय मामलों के राज्यमंत्री अली मुहम्मद खान को विधेयक पेश करने की अनुमति दी थी। लेकिन 87 मतों के मुकाबले 83 मतों से पराजित होने के बाद विपक्षी दलों ने प्रक्रिया में हिस्सा लिया और चार मामूली संशोधन पेश किए।

    मंत्री ने जैसे ही सदन में म्यूचुअल लीगल असिस्टेंट (क्रिमिनल मैटर) विधेयक, 2019 पेश करना चाहा, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के संसदीय दल के नेता सईद नवीद कमर ने इस कानून को पाकिस्तान के नागरिकों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताया और कहा कि इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद सरकार दूसरे देशों से सूचना पा सकेगी और उन देशों की मांग पर बिना किसी संधि पर हस्ताक्षर किए ही अपने नागरिकों को उनके यहां प्रत्यर्पित कर देगी।

    कमर ने कहा कि वर्तमान में कोई भी देश किसी वांछित व्यक्ति को पाकिस्तान को प्रत्यर्पित करने के पाकिस्तान सरकार के आग्रह पर अमल नहीं करता है, क्योंकि यह धारणा बन चुकी है कि पाकिस्तान में राजनीतिक कारणों से मामले दर्ज किए जाते हैं।

    लेकिन सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने इस विधेयक का विरोध करने पर विपक्ष की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि पाकिस्तान को ‘एफएटीएफ के जाल’ में फंसाने के लिए पिछली दो सरकारें जिम्मेदार रही हैं।

    उन्होंने कहा कि एफएटीएफ के अंतर्गत सभी देश सूचनाओं और अपराधियों का आदान-प्रदान करते हैं।

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