ईरानी पर हुए आतंकी हमले में ईरानी इलीट रेवोलेशनरी गार्ड्स के 27 सदस्यों की मृत्यु हो गयी थी। रायटर्स की खबर के मुताबिक, फाॅर्स ने बुधवार को कहा कि “सुरक्षाकर्मियों को ले जा रही बस पर सिस्तान-बलूचिस्तान इलाके में आत्मघाती हमलावर ने अपने वाहन से टक्कर मार दी थी।”
सुरक्षा कर्मियों के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद पाकपूर ने कहा कि “उस आत्मघाती हमलावर का नाम हाफ़िज़ मोहम्मद था, जिसका ताल्लुक पाकिस्तान से था। दो दिन पूर्व एक महिला की पहचान हुई और उसे गिरफ्तार किया गया और इसी महिला से हम अन्य लोगों तक पंहुचे।
उन्होंने कहा कि आत्मघाती हमलावर के आलावा उनमे से एक संदिग्ध पाकिस्तान से साथ संपर्क में था। उन्होंने कहा कि “यह हमला 11 फरवरी को होना तय किया गया था, जिस दिन ईरान की इस्लामिक क्रांति की 40 वीं वर्षगांठ थी। लेकिन उस दिन सुरक्षा बल पूरी तरह तैयार थे।”
जैश अल अदल, एक जिहादी समूह पाकिस्तान के ठिकानों से अधिकतर संचालन करता है। इस समूह ने आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। ईरान के मुताबिक पाकिस्तान की सेना और ख़ुफ़िया विभाग जिहादियों को पनाह देते हैं।
सुन्नी मुस्लिम चरमपंथी समूह जैश अल अद्ल (न्याय की सेना) ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह ईरान में अल्पसंख्यकों के लिए अधिकार और रहने के लिए अच्छी व्यवस्था की मांग का दावा करता है।
ईरान के वरिष्ठ नेता अयातुल्ला अली खमेनेई ने कहा कि “इस अपराध और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ख़ुफ़िया व जासूसी विभागों के मध्य कोई ताल्लुक तो जरूर है।” उन्होंने इस आतंकी हमले के जिम्मेदारों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।